हमारे देश के शानदार प्रतीक अशोक स्तंभ, राष्ट्रगान हैं। कानूनन इनका सम्मान न करने वाले किए बकायदे दंड की व्यवस्था की गई है। अब इस अपमान को कोई अपना बदले का हथियार बना ले तो सचमुच बड़ा राजनीतिक जादूगर कहा जाएगा। हठ के लिए वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सचमुच हथियार बनाकर बीजेपी के 11 विधायकों पर एफआईआर दर्ज करा ली है जिससे उनका जेल जाना तय माना जा रहा है। दंड तो कोर्ट देगा लेकिन ममता बनर्जी ने जो कहा था, उसे कर दिखाया। ज्ञात होगा कि टीएमसी के चार विधायकों के ऊपर ईडी ने कार्रवाई कर जेल भेजा था।उसी समय ममता बनर्जी ने खुलेआम बगावत करते हुए घोषणा कर दी थी कि यदि केंद्र उनके चार विधायकों को बदनाम करने के लिए ईडी द्वारा कार्रवाई कर जेल भिजवा सकती है तो ममता बीजेपी के आठ नेताओं को जेल भेजेंगी। हुआ भी वही। बीजेपी के 11 विधायकों के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। संभव है पुलिस उन सारे विधायकों को जेल भी भेज दे। मामला राष्ट्रीय बताया जाता है। राष्ट्रगान के अपमान का। बताया जाता है कि वेस्ट बंगाल की विधानसभा में बहस हो रही थी। गहमा गहमी के बीच ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी विधायकों को राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया। टीएमसी वाले विधानसभा में राष्ट्रगान गाने लगे लेकिन बीजेपी के 11 विधायक राष्ट्रगान के समय कथित रूप से उठ खड़े नहीं हुए। राष्ट्रगान का कथित रूप से अपमान किया। नतीज़ा ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को एफआईआर दर्ज करने की बात कही। कथित रूप से कोलकाता पुलिस ने बीजेपी के 111 विधायकों के ऊपर सदन में राष्ट्रगान का कथित अपमान करने के कारण एफआईआर दर्ज कर ली है। इस तरह वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीजेपी नेताओं को जेल भेजने की धमकी पूरी कर दिखाई है। राष्ट्रगान का अपमान दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। निश्चित रूप से ममता बनर्जी द्वारा अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए बीजेपी के 11 विधायकों पर एफ आई आर दर्ज कराकर अपने चार विधायकों को ई डी द्वारा गिरफ्तार और जेल भेजने के बदले बीजेपी के 11 विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजने की तैयारी कर ली है। याद होगा ममता बनर्जी ने बीजेपी विधायकों को हत्या मामले में जेल भेजने की धमकी दी थी। संभव है ममता बनर्जी ने राजनीतिक बदले की शुरुआत की है। आगे भी ऐसा कुछ किए जाने का अंदेशा है। यानी केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ खुला एक्शन। आगे आगे क्या होता है देखना मजेदार होगा। ममता बनर्जी के चार विधायकों को जेल भेजे जाने से टीएमसी सरकार अल्पमत में आ सकती थी इसीलिए उन्होंने बीजेपी के आठ नहीं पूरे 11 विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर बदला दोगुना चुकाया है। बीजेपी में खलबली मचना स्वाभाविक है। आगे अब देखना यह है कि अपने 11 विधायकों के विरुद्ध एफ आई आर को बीजेपी आला कमान किस रूप में कितना गंभीर मानती और आगे कदम उठाकर कौन सी प्रतिक्रिया देती है। कहीं ऐसा तो नहीं यह बीजेपी की केंद्र सरकार और ममता बनर्जी की वेस्ट बंगाल सरकार के बीच युद्ध की शुरुआत तो नहीं है? कल को अगर गैर बीजेपी राज्य सरकारें भी ऐसा ही कदम उठाकर बीजेपी विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराने लगीं तो बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच शीत युद्ध छिड़ने जैसा नजारा देश में देखने को मिल सकता है जिसकी शुरुआत केंद्र की तानाशाह सरकार ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजने और अपने साथ जोड़ने से शुरू किया था। अब इस लड़ाई का अंत क्या और कैसा होगा एक अलग तरह की बदला लेने का कुचक्र चल निकलेगा।