Thursday, December 12, 2024
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संपादकीय:- कर्नाटक की हार रणनीति ?

शायद आप इसे लेकर सवाल करने लगे कि बीजेपी की हार वहां की बीजेपी सरकार के चालीस प्रतिशत कमीशन के कारण हारी तो फिर रणनीति कैसी? २०२४ में लोकसभा चुनाव होने है। उसके पूर्व बीजेपी अपनी कुछ राज्य सरकारों की बलि देगी ताकि विपक्षी ईवीएम पर उंगली उठाना बंद कर दे। और लोकसभा चुनाव ईवीएम हैक करके जीत जाना ही बीजेपी की रणनीति है। कुछ ही दिनों में अन्य राज्यों के चुनाव होने हैं। वहां भी ईवीएम कुछ नहीं करेगा। इस तरह लोकसभा चुनाव के पूर्व दो चार राज्य में बीजेपी हारेगी। यह उसकी रणनीति का हिस्सा है ताकि ईवीएम पर कोई कुछ नहीं बोले। जनता को भी लगेगा कि हां विरोधी ईवीएम हैकिंग कर जीत जाती है। बीजेपी को कहने का अवसर मिलेगा अरे भाई अगर ईवीएम के कारण हम जीत जाते हैं तो फलां फलां राज्यों में हम क्यों हरे? चलते हैं पिछले लोकसभा चुनाव के पूर्व। बीजेपी छत्तीसगढ़ हारी। राजस्थान जारी। महाराष्ट्र में भी हार गई। मध्यप्रदेश जो बीजेपी का गढ़ है। वहां भी जारी। क्यों? उसकी रणनीति का हिस्सा थी हार। मध्यप्रदेश में कमल नाथ की सरकार बनी। यह साबित कर दिया बीजेपी ने कि हम ईवीएम हैक कर जीतते तो हारे क्यों? मजेदार बात लोकसभा चुनाव में बहुमत से जीत गई भाजपा। लोकसभा जीतने के बाद कमल नाथ की सरकार गिराकर अपनी सरकार बना ली। महाराष्ट्र में भी यही खेल खेला बीजेपी ने। इस बार भी बीजेपी अपनी रणनीति के चलते कुछ राज्यों में हारेगी फिर लोकसभा चुनाव ईवीएम हैक कराकर जीत जाएगी। कोई हस्ती नहीं जो लोकसभा चुनाव जीतने से रोक सके। बस कर्नाटक की हार अपनी हो सरकार को हराकर लोकसभा जीतने की रणनीति है यह। यदि विपक्ष ईवीएम हटाने में कामयाब हुआ तो ही बैलेट पेपर से चुनाव होने पर ही बीजेपी लोकसभा चुनाव हारेगी अन्यथा जीत पक्की है।

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