Thursday, November 21, 2024
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संपादकीय:- अंधभक्त और सोशल मीडिया!

अंधभक्त होने की सबसे बड़ी योग्यता है महामूर्ख होना। लीक छोड़कर कोई बात ही नहीं कह सकते। मां बहन बेटी हलाला की औलाद, मुस्लिम परस्त, यहां तक कि अशोभनीय गालियां लिखना इनका स्वभाव होता है। बीजेपी के खिलाफ आप ने कोई टिप्पणी कर दी तो बर्रे के समान ये असोको नोचने खसोटने लगेंगे। अपने आगे किसी की सुनेंगे नहीं। अयोध्या में राममंदिर में पानी टपकने की बात मुख्य पुजारी द्वारा कहने पर पुजारी को भी भला बुरा लिखने लगेंगे। सड़क पर गड्ढे बड़े बड़े, हवाई अड्डे की छत टूटने और झरना बनने, वन्देभारत ट्रेन में खाना खराब मिलने, पेपर लीक होने की बात आपने लिखी तो शामत आ जाएगी। बदतमीज इतने की उम्र का भी ख्याल नहीं करते। बस बीजेपी की आईटी सेल यूनिवर्सिटी में परोसा जाने वाले झूठ को ही ए सच मानते हैं। मंहगाई की बात करें तो कहेंगे महंगाई कहां है। मकान बेचो तो चार गुना फायदा। यह नहीं मानेंगे की देश में टमाटर और परवल सौ के पार है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार खुदरा मंहगाई बढ़ने की बात नही मानेंगे। आप ने देश में महंगाई बढ़ने की बात लिख दी तो ये लिखने लगेंगे तुम्हारे अब्बा के पाकिस्तान में क्या भाव टमाटर बिक रहा है? ये देश समाज में नहीं रहते। लिखते हैं पेट्रोल दो सौ रुपए लीटर भी होगा तो वोट मोदी को देंगे। यहां तक कि मोदी के वादों को भी सिरे से खारिज करते हुए लिखेंगे नहीं, ऐसा नहीं कहा।
सच कहा जाए तो इनके अंदर अपना ज्ञान तो है नहीं।समाज का भी ज्ञान नहीं है।बस व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी से मिला ज्ञान इनके लिए ब्रह्मा की रेखा रहती है। इन्हें प्यार से भी समझाइए तो नहीं समझेंगे। बस विरोध में गालियां लिखने लगेंगे। बस जो व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी से मिला इनका वही ज्ञान की पूंजी है। खुद विवेक भी नहीं है। सलीके से बात करनी तो इन्हें पता ही नहीं है। सोशल मीडिया का कोई भी प्लेटफार्म हो ये जरूर मिल जायेंगे। बस झूठ को सच मानकर वही फिर फिर लिखेंगे। पता नहीं ये लोग घर में अपने पिता माता बड़े भाई बहन का भी सम्मान करते हैं या नहीं,कहा नहीं जा सकता। दरअसल इनका ब्रेन वाश बुरी तरह हो चुका है।जो व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी से अज्ञान और झूठ इनके दिमाग में भर गया है जैसे गोबर फिर तर्क बुद्धि आए कैसे कुंठित मन में? दोष इनका नहीं इनकी कुशिक्षा कुसंस्कार कुसंगती का है। आईटी सेल वाले लिख दें कि बैल को दूध देते हुए देखा गया है। अंधभक्त वही सच मान लेंगे। यहां तक लिखेंगे कि हां बैल का दूध मैंने पीया है। घर में उसी की खीर बनी खाया है। इनके विषय में सिर्फ अज्ञानी महामूर्ख और विवेकहीन ही कहा जा सकता है। तर्क करने की शक्ति नहीं होने से कुतर्क जरूर करेंगे। दोष इनका नहीं। जब देश का प्रधानमंत्री संसद में नौटंकी करे। रैलियों में हिंदू मुस्लिम मंदिर मस्जिद भारत पाकिस्तानमूर्खों के सरदार, पप्पू, मंगलसूत्र, भैंस और मुजरा करना कहे तो इनपर असर क्यों नहीं पड़ेगा? प्रधानमंत्री गाली देने वालों को ट्वीटर पर फोलो करने लगे तो इन्हें अच्छा ज्ञान कैसे मिल सकता है। बस हर झूठ को सच मान बैठेंगे जी व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी से सीखे हैं।
इन जैसे अंधभक्तों से बचाने का एकमात्र ऊपर बेहद सरल है इन्हें ब्लॉक कर देना।

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