मुंबई। मुंबई में कोरोना महामारी में हुए खिचड़ी घोटाला मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच तेज कर दी है। ईडी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत के भाई संदीप राउत को तलब किया है। उन्हें अगले हफ्ते ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया है। आरोप है कि खिचड़ी घोटाले की कुछ रकम संदीप के बैंक खाते में भेजी गई है। जानकारी के मुताबिक, महापालिका के खिचड़ी घोटाले के लेनदेन के संबंध में स्नेहा कैटरर्स एंड डेकोरेटर्स सहित कंपनियों के वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है। कोविड-19 के शुरुआती दिनों में फोर्स वन मल्टीसर्विसेज (एफओएमएम) ने सुनील कदम उर्फ बाला की मदद से कांट्रेक्ट हासिल किया था। इसके तहत सह्याद्री रिफ्रेशमेंट और संजय माली के स्नेहा कैटरर्स द्वारा खिचड़ी के पैकेट उपलब्ध कराए गए थे। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने फोर्स वन मल्टी सर्विसेज को 8.64 करोड़ रुपये का बिल चुकाया। कथित तौर पर सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट ने इसमें से कुछ राशि संजय राउत के परिवार के बैंक खाते में भेज दी। इसमें संजय राउत की बेटी और उनके भाई संदीप राउत के बैंक खाते होने की बात सामने आई हैं। खिचड़ी घोटाले के सिलसिले में आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कोरोना काल में प्रवासियों को खिचड़ी वितरण के लिए बीएमसी और ठेकेदार के बीच कांट्रेक्ट हुआ था। कांट्रेक्ट के मुताबिक प्रवासियों को 250-250 ग्राम खिचड़ी के पैकेट दिए जाने थे, लेकिन हर पैकेट में महज 125 ग्राम खिचड़ी दी गई। आरोप है कि कांट्रेक्ट हासिल करने वालों के बड़े नेताओं से संबंध थे और इसके चलते उन्हें खिचड़ी वितरण का कांट्रेक्ट भी मिला, जिसमें अनियमितता बरती गई और पैसों का गबन हुआ।