
जालना। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को इस बात पर निराशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दिन पहले महाराष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे (मराठा आरक्षण) का जिक्र नहीं किया।मोदी बृहस्पतिवार को अहमदनगर के शिरडी में थे, जहां उन्होंने प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं के एक परिसर का उद्घाटन, और निलवंडे बांध के नहर नेटवर्क व ‘नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना’ की शुरुआत की, जिसके तहत राज्य के 86 लाख किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी। मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने नहीं उठाने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी आलोचना की। अंतरवाली सराटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के मन में मोदी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, लेकिन यह निराशाजनक है कि प्रधानमंत्री ने आरक्षण से संबंधित उनकी चिंताओं को प्राथमिकता नहीं दी।
जरांगे ने कहा, मराठा समुदाय को बहुत उम्मीदें थीं कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आरक्षण के मुद्दे पर बात करेंगे, लेकिन ये उम्मीदें पूरी नहीं हुईं। (मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने की व्यवहार्यता पर विचार कर रही) संदीप शिंदे समिति को 10,000 साक्ष्य देने के बावजूद राज्य सरकार कदम उठाने में विफल रही है।