मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने पुणे जिले में एक भूमि सौदे से संबंधित कथित धन शोधन मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे को गुरुवार को जमानत दे दी। इस मामले में खडसे के परिवार के अन्य सदस्य भी आरोपी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता रहे खडसे वर्तमान में राकांपा के शरद पवार खेमे से जुड़े हैं। उन्होंने अक्टूबर 2021 में अदालत से गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्राप्त की थी जो अब तक जारी है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र में खडसे और उनकी पत्नी को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने उन्हें 2,00,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के एक या अधिक जमानतदारों के साथ जमानत दे दी। अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री खडसे को उसकी अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वह अभियोजन पक्ष के गवाहों और सबूतों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और मुकदमे के जल्द निपटारे में सहयोग करेंगे।महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती भाजपा नीत सरकार में वरिष्ठ मंत्री खडसे को 2016 में पद छोड़ना पड़ा था क्योंकि उन पर अपनी पत्नी और दामाद गिरीश चौधरी द्वारा पुणे के पास भोसरी औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी भूमि की खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। ईडी ने आरोप लगाया कि खडसे परिवार ने जमीन 3.75 करोड़ रुपये में खरीदी जबकि इसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी। अधिवक्ता मोहन टेकावड़े और स्वाति टेकावड़े के माध्यम से दायर जमानत याचिका में खडसे ने दलील दी कि उनका भूमि सौदे से कोई लेना-देना नहीं है और वह अपराध की कथित आय से संबंधित किसी भी गतिविधि से जुड़े नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि आरोपपत्र में जो आरोप लगाए गए हैं वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण लगे हैं।