मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने अमरावती के दवा विक्रेता उमेश कोल्हे की हत्या के आरोपी पशु चिकित्सक युसूफ खान को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि यह मानने के लिए ‘‘तर्कसंगत आधार’’ है कि उसके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सत्य हैं। अदालत ने यह भी कहा कि दवा विक्रेता की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के संबंध में खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश राजेश कटारिया ने 12 जुलाई को खान को जमानत देने से इनकार कर दिया। विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ। पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करने वाले कोल्हे की 21 जून, 2022 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार, जब कोल्हे मुंबई से लगभग 650 किलोमीटर दूर अमरावती में अपनी दवा दुकान बंद करने के बाद दोपहिया वाहन से घर लौट रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया। एनआईए ने पिछले साल दो जुलाई को गृह मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 153-बी (राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने वाले बयान), और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस बारे में पर्याप्त सबूत हैं कि याचिकाकर्ता (खान) ने कोल्हे से बदला लेने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप पर उनके (कोल्हे) द्वारा भेजे गए पोस्ट को अन्य समूहों और व्यक्तियों को भेजा था। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा संदेश को अन्य लोगों से साझा करना, उसके (कोल्हे के) खिलाफ समुदाय में नफरत फैलाना और उसे परिणाम भुगतने की चेतावनी देने का कृत्य याचिकाकर्ता के मंसूबे को बताता है। न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि खान ने एक सह-आरोपी से संपर्क किया और मृतक का सिर कलम करने की साजिश रची गई। अदालत ने कहा याचिकाकर्ता के खिलाफ विशिष्ट आरोपों और रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री को देखते हुए, यह नहीं कहा जा सकता कि उसके खिलाफ आरोप पूरी तरह से अविश्वसनीय हैं। आदेश में कहा गया है कि यह मानने के लिए तर्कसंगत आधार है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं। न्यायाधीश ने कहा कि अपराध को अंजाम देने की कथित साजिश में शामिल होने के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोप पत्र में लगाए गए आरोप और उसके साथ दाखिल दस्तावेजों से याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। खान के वकील शहजाद नकवी ने कहा कि जमानत याचिका खारिज करने का कोई ठोस आधार नहीं है। वकील ने कहा कि आदेश रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों पर उचित विचार किए बिना पारित किया गया प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि वे जमानत के लिए बंबई उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे। मामले में खान के अलावा 10 अन्य लोग भी आरोपी हैं।