
मुंबई। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को कोर्डेलिया क्रूज जहाज पर 2021 में नशीले पदार्थों के भंडाफोड़ से जुड़े रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोपी सैनविल उर्फ सैम डिसूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि डिसूजा के खिलाफ आरोपों की गंभीरता पर विचार करते हुए हिरासत में पूछताछ जरूरी है। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेडे रिश्वतखोरी मामले में मुख्य आरोपी हैं। मामला अभिनेता शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन को मादक पदार्थ जब्ती मामले में नहीं फंसाने के लिए कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने से संबंधित है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस एम मेनजोंगे ने डिसूजा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि डिसूजा ने आर्यन खान को मामले में आरोपी नहीं बनाने के लिए शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने के लिए एक ‘पंच’ गवाह के साथ साजिश रची थी। एक ‘पंच’ गवाह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा चलाये गये तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान उपस्थित रहा स्वतंत्र गवाह होता है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि मामला 18 करोड़ रुपये में तय हुआ और डिसूजा और पंच गवाह ने 50 लाख रुपये की सांकेतिक राशि ली और इसका एक हिस्सा उन्होंने बाद में लौटा दिया। डिसूजा ने अपनी गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका में दावा किया कि उनके खिलाफ प्राथमिकी की विषयवस्तु झूठी, ओछी और मनगढ़ंत मौखिक कहानी पर आधारित है जिसमें आरोपों का कोई प्रमाण नहीं है। उन्होंने कहा कि शाहरुख या आर्यन ने रिश्वत मांगे जाने की कोई शिकायत नहीं की। याचिका में कहा गया कि प्राथमिकी कल्पनाओं पर आधारित थी क्योंकि सीबीआई ने जैसा आरोप लगाया है, वैसा कुछ वास्तव में होता तो शाहरुख द्वारा शिकायत दर्ज कराई जाती। हालांकि, सीबीआई की ओर से वरिष्ठ सरकारी वकील पीकेबी गायकवाड़ ने अदालत को बताया कि आरोपी ने अपने दावे के समर्थन में उचित आधार नहीं दिया है कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है।