
मुंबई। महाराष्ट्र के स्किल डेवलपमेंट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस विधायकों असलम शेख और अमीन पटेल, तथा समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के घरों के बाहर ‘वंदे मातरम’ का सामूहिक गायन (ग्रुप सिंगिंग) किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने पहले राष्ट्रीय गीत का विरोध या अपमान किया था, इसलिए यह आयोजन उनके लिए “देशभक्ति का सबक” होगा। लोढ़ा ने याद दिलाया कि कांग्रेस के अमीन पटेल और असलम शेख ने 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के लिए राष्ट्रपति से दया की अपील की थी, जबकि सपा के अबू आज़मी ने हाल ही में ‘वंदे मातरम’ गाने का विरोध किया था। मंत्री ने कहा- ‘वंदे मातरम’ किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह मातृभूमि के प्रति प्रेम और निष्ठा का प्रतीक है। इसका विरोध करने वाले देश की भावना को ठेस पहुंचाते हैं।
150वीं वर्षगांठ पर विशेष आयोजन
लोढ़ा ने बताया कि ‘वंदे मातरम’ 7 नवंबर को 150 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर पर राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने मुंबई के गामदेवी स्थित शारदा मंदिर स्कूल में छात्रों के साथ गीत गाकर इस समारोह की शुरुआत की। मंत्री ने कहा, “हम ‘वंदे मातरम’ गाना बंद नहीं करेंगे। राष्ट्रवाद की भावना के साथ हम इसे उन नेताओं के घरों और दफ्तरों के बाहर भी गाएंगे जो इसका विरोध करते हैं।” उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए जवाब है जो देशभक्ति के प्रतीक गीत का अपमान करते हैं।
छात्रों को बताया ‘वंदे मातरम’ का ऐतिहासिक महत्व
कार्यक्रम के दौरान लोढ़ा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है। उन्होंने कहा, “यह गीत स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा रहा है। इसके माध्यम से देशभक्ति की लौ हर भारतीय के दिल में जलती रहनी चाहिए। लोढ़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में पूरे महाराष्ट्र में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य के हर जिले और तालुका में ग्रुप सिंगिंग, निबंध प्रतियोगिता, परिचर्चा और व्याख्यान के ज़रिए युवाओं को ‘वंदे मातरम’ के इतिहास और उसके महत्व से अवगत कराया जाएगा।




