मुंबई। चांद्रयान-3 इस सफल अभियान से भारत ने चाँद पर तिरंगा फहराया है। अब सौर अभियान आदित्य एल-1 यह पहला ही सूर्ययान सूर्य के अध्ययन के लिए सफल रूप से प्रक्षेपण करके भारत ने अंतरिक्ष के अध्ययन से इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर सके, ऐसा काम किया है। इस सफलता के लिए हमारे ‘इसरो’ इस अन्तरिक्ष अनुसंधान संस्था की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है, इन शब्दों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सूर्य के अनुसंधान पर भारत के उडान की सराहना की है। साथ ही इस मिशन में पुणे के ‘आयुका’ संस्था के उपग्रह पर अनुसंधान उपकरण निर्माण में सक्रीय सहभागिता का गौरवास्पद होने का जिक्र मुख्यमंत्री ने किया। अपने बधाई के संदेश में मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि चांद्रयान-3 के सफल अभियान की वजह से भारत का अन्तरिक्ष का स्थान और भी मजबूत हुआ है। भारत विश्व का चौथा देश साबित हुआ है। चाँद के दक्षिण ध्रुव पर ‘प्रग्यान’ रोव्हर उतारकर भारत ने इतिहास रचा है। इसके बाद ही हमने सूर्य के अनुसंधान की दृष्टी से और एक बड़ी छलांग लगाई है। आदित्य एल- 1 इस प्रथम सूर्ययान के सफल प्रक्षेपण से अब भारत चाँद और सूर्य के अनुसंधान में कार्य करनेवाला और इसमें निरंतरता बनाएं रखनेवाला विश्व की दृष्टी से महत्वपूर्ण देश साबित हुआ है। इस अनुसंधान के निष्कर्षों से सिर्फ भारत ही नहीं, तो विश्व के मानवजाति के कल्याण में कदम उठाएं जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकशाही के देश यानि हमारे भारत की इन दोनों अभियान से वैज्ञानिक रूप से मजबूत ऐसा देश इस तरह से पहचान निर्माण हुई है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग और उनके प्रोत्साहन की वजह से चांद्रयान -2 की एक असफलता के बाहर निकलकर इसरो ने बड़ी छलांग लगाई है। मुझे पूरा भरोसा है की, आगे भी इसरो की इसी तरह की ऊँची कामगिरी रहेगी। इसरो के इस कामगिरी का जवाब नहीं। इस अभियान में सहभागी सभी वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं, अभियंताओं आदि को बहुत बहुत बधाई।