वाराणसी। दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज का बच्चा कल का भविष्य है। कपंनियों को अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल महिलाओं और बच्चियों के लिए खर्च करना चाहिए। वह कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों को किट दे रही थीं। गेल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से 500 किट बांटे गए। इस दौरान राज्यपाल ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए होने वाले एमओयू को भविष्य के लिए सुखद बताया। उन्होंने कहा कि पहले यह विभाग सरकारों की प्राथमिकता में नहीं रहता था। अधिकारियों पर कार्य थोपे जाते थे। उन्होंने गुजरात सरकार में किए अपने प्रयासों की चर्चा की और कहा कि किस प्रकार आईसीडीएस यूनिट, महिला बाल विकास विभाग अस्तित्व में आया। प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं धीरे-धीरे राष्ट्रीय पटल पर भी अस्तित्व में आईं। पिछले कुछ वर्षों में 12 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में इस प्रकार के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रसव अस्पतालों में हों, ताकि जच्चा-बच्चा की समुचित देखभाल हो सके। उन्होंने महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए शुरुआती जांच के लिए प्रेरित किया। साथ ही कहा कि मामले में एक एमओयू शुक्रवार को ही लखनऊ में हुआ है। भेल (भारत इलेक्ट्राॅनिक्स लिमिटेड) के सहयोग से गांवों में जांच की व्यवस्था बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में ही करीब 15 लाख महिलाओं को कैंसर है।
राज्यपाल के प्रयास सराहनीय
प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी राज्यपाल के प्रयासों को अपनाने में लगे हैं। राज्यपाल के प्रयासों से गरीब बस्तियों में भी लाभ मिल रहा है। आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने राज्यपाल के वाराणसी के लिए विशेष ध्यान देने पर उनका आभार जताया। जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने भी विचार व्यक्त किए। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि पहले 715 केंद्रों को किट उपलब्ध कराए गए थे। पोषण ट्रैकर पर पिछले एक वर्ष से वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। कार्यक्रम में गेल के महाप्रबंधक सुशील कुमार भी उपस्थित रहे।