
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को कृषि मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण बागायती फसलों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार जल्द ही ‘फसल कवर योजना’ लागू करेगी। यह घोषणा विधानसभा सदस्य रोहित पाटिल द्वारा प्रस्तुत एक महत्वपूर्ण सुझाव के जवाब में की गई, जिसमें अंगूर फसलों पर बेमौसम बारिश के प्रभाव का मुद्दा उठाया गया था। सदस्य हेमंत ओगले और अभिजीत पाटिल ने इस चर्चा में भाग लेते हुए उप-प्रश्नों के माध्यम से किसानों की चिंताओं को सामने रखा। कृषि मंत्री ने कहा कि नासिक, सांगली, सोलापुर, अहिल्यानगर और धाराशिव जिलों में बड़े पैमाने पर अंगूर की खेती होती है, जो अब लगातार बदलते मौसम की मार झेल रही है। उन्होंने माना कि अंगूर किसानों को जलवायु संकट के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोकाटे ने बताया कि राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे के सहयोग से किसानों को वैज्ञानिक सलाह और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सके। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि बेमौसम बारिश से प्रभावित अंगूर बागों का पंचनामा किया जा चुका है, और जिन किसानों का सर्वे हुआ है, उन्हें सरकारी नियमों के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कृषि मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि अंगूर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा, ताकि बीमा संरक्षण और मुआवजे की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, कोकाटे ने बताया कि सरकार ने हर गाँव में ‘मौसम केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को समय पर मौसम की सटीक जानकारी मिल सके और वे फसल प्रबंधन की योजना अधिक कुशलता से बना सकें। इस पूरी चर्चा से स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने अब बागायती फसलों के लिए जलवायु अनुकूल नीतियाँ बनाने की दिशा में गंभीर पहल शुरू कर दी है, जिससे महाराष्ट्र के किसानों को राहत और भविष्य में संरक्षण मिल सके।