
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 में विकसित भारत के सपने को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने विकसित महाराष्ट्र 2047 के मसौदे को सलाहकार समिति की बैठक में मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में विश्वास व्यक्त किया कि यह मसौदा राज्य के विकास और प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत के विज़न को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मसौदे में 2029, 2035 और 2047 तक तीन चरणों में राज्य के विकास के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि विकसित महाराष्ट्र का मसौदा एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जिसे भविष्य में सभी योजनाओं और नीतियों के निर्माण में मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे वीडियो प्रारूप में भी परिवर्तित किया जाए ताकि नागरिक इसे आसानी से समझ सकें। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रस्तावों की व्यवस्था बनाने, एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) का निर्माण, क्लाउड कंप्यूटिंग आधारित प्रणाली के माध्यम से योजनाओं के लाभार्थियों की जानकारी साझा करने और सतत विकास मॉडल तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य को भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे, मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे उपस्थित थे, जबकि स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे और लोक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंह राजे भोसले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में मित्र संस्था के सीईओ प्रवीण परदेशी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (लोक निर्माण) मनीषा म्हैसकर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) ओ.पी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगरीय विकास) असीम कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) संजय सेठी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) विकास चंद्र रस्तोगी सहित कई विभाग प्रमुख भी उपस्थित थे।
विकसित महाराष्ट्र 2047 के मसौदे के लिए राज्य में 19 जून से 28 जुलाई 2025 तक सर्वेक्षण आयोजित किया गया, जिसमें चार लाख नागरिकों ने प्रतिक्रिया दी। इन प्रतिक्रियाओं में 35 हज़ार ऑडियो संदेश और विकास संबंधी सुझाव शामिल थे। इसके अलावा, विभिन्न विभागों के सर्वेक्षण में सात लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने नागरिकों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और कहा कि यह राज्य के विकास के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है। मसौदे में कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता, नवाचार, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल व्यवस्था, तकनीकी नवाचार और सतत विकास जैसे कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। यह मसौदा राज्य के सभी विभागों के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा और इसे लागू करने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। भविष्य में राज्य की नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन इस रोडमैप के अनुरूप किया जाएगा ताकि महाराष्ट्र आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी दृष्टि से विकसित राज्य बन सके। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी विभागों को इस मसौदे को ध्यान में रखकर निर्णय लेने चाहिए और इसे नागरिकों तक सरल भाषा और वीडियो माध्यम से पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी एजेंसियों को प्रस्तावों की जांच और सुधार के लिए एआई आधारित तकनीक का उपयोग करना चाहिए, जिससे समय की बचत हो और राज्य के विकास में तेजी आए। इस पूरी प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी को भी महत्व दिया गया है। राज्यभर के नागरिकों की प्रतिक्रियाओं और सुझावों को मसौदे में शामिल किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महाराष्ट्र का भविष्य नागरिकों की आकांक्षाओं और जरूरतों के अनुरूप विकसित हो।