मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने नवंबर 2005 या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए केंद्र की नई पेंशन योजना का संशोधित संस्करण लागू करने का निर्णय लिया है। पेंशन अब कर्मचारी के अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत होगी और इसमें महंगाई भत्ता भी शामिल होगा। इसके अलावा शिक्षक और पुलिस भर्ती में मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा। राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक बयान में, शिंदे ने कहा कि यदि कर्मचारी संशोधित पेंशन योजना का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें अपने अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन और महंगाई भत्ते के रूप में और 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन और महंगाई भत्ते के रूप में मिलेगा। राज्य में 13.45 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से 8.27 लाख पर एनपीएस लागू है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना और एनपीएस का तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए मार्च 2023 में एक समिति का गठन किया था। समिति ने 1 नवंबर, 2005 और उसके बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों को स्थायी वित्तीय राहत प्रदान करने के उपायों पर विचार किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह भी घोषणा की कि पुलिस बल और सरकारी शिक्षकों की भर्ती में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने विधान परिषद में कहा कि शुक्रवार को 17,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती का विज्ञापन दिया गया है। उन्होंने कहा, भर्तियों में 10 फीसदी मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा।