मुंबई। कुछ ही दिनों में नवरात्रि उत्सव शुरू होने जा रहा है। नवरात्रि में गरबा और डांडिया पश्चिमी राज्यों खास करके गुजरात और महाराष्ट्र में जबरदस्त तरीके से धूम रहती है। हालांकि, हाल के दिनों में डांडिया को लेकर एक अलग तरह की चर्चा भी होती है। दावा किया जाता है कि दूसरे धर्म के लोग डांडिया और गरबा में शामिल होते हैं और लव जिहाद की कोशिश करते हैं। इसी को लेकर महाराष्ट्र के भाजपा विधायक ने बड़ी मांग की है। बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि संपूर्ण हिंदू समाज की मांग है कि जब नवरात्रि प्रारंभ हो और डांडिया खेला जाए तो उसमें भाग लेने वाले हिंदू समुदाय से ही हों। हमें व्यापक जानकारी मिली है कि इस समय ‘लव जिहाद’ और धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं। भाजपा विधायक ने आगे कहा कि हिंदू महिलाओं से झूठ बोला जाता है और उन्हें फुसलाया जाता है। जो लोग हमारे समुदाय के नहीं हैं वे ऐसे आयोजनों में भगवा और अन्य पोशाक पहनकर आते हैं और खुद को हिंदू कहते हैं। इसलिए, हमने आयोजकों से आग्रह किया है कि यदि वे प्रवेश द्वार पर आने वाले सभी लोगों के आधार कार्ड की जांच करें और केवल हिंदुओं को अनुमति दें, तो हिंदू महिलाओं को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुजरात सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि “लव जिहादी” नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा पंडालों में प्रवेश न करें। इसमें आगे कहा गया है कि नवरात्रि कार्यक्रमों में सेवाएं प्रदान करने वाले लोग मुस्लिम समुदाय से नहीं होने चाहिए। इस मामले पर बोलते हुए, वीएचपी के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि गरबा देवी की पूजा करने का एक अवसर है। कुछ ‘जिहादी’ ऐसे अवसरों का दुरुपयोग करते हैं। मैं गरबा के सभी आयोजकों से अपील करना चाहता हूं कि पंडाल-वाले (जो निर्माण करते हैं) पंडाल), कैटरिंग सेवा के लोग या सुरक्षा सेवाओं के सदस्य मुस्लिम नहीं होने चाहिए और आईडी कार्ड और आधार कार्ड की जांच के बाद ही किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना गुजरात सरकार की जिम्मेदारी है कि “कोई भी गरबा के पवित्र आयोजन को लव जिहाद का निशाना बनाने की कोशिश न करे।