पीएसएल घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने मुंबई में छापेमारी की. इस दौरान सीबीआई को भारी मात्रा में डॉलर और नकदी बरामद हुई है. जानकारी के मुताबिक, मुंबई में तलाशी अभी भी चल रही है.
सीबीआई ने पिछले साल पीएसएल समूह और उसके निदेशकों के खिलाफ केनरा बैंक के साथ ऋण धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार, कंपनी ने ऋण भुगतान में गड़बड़ी करके केनरा बैंक को कथित तौर पर 428.50 करोड़ रुपये की चपत लगाई है.
इन लोगों के खिलाफ दर्ज है मामला
सीबीआई ने इस मामले में कंपनी के अलावा इसके निदेशकों अशोक योगेंद्र पुंज, राजेंद्र कुमार बाहरी, चितरंजन कुमार, जगदीशचंद्र गोयल और आलोक योगेंद्र पुंज को भी मामले में आरोपी बनाया है. सीबीआई ने 15 सितंबर को मुंबई और गुजरात में छापेमारी की थी. इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्हें महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं.
केनरा बैंक को धोखा देना का मामला
अधिकारियों के अनुसार, कंपनी पर 2016-19 के दौरान केनरा बैंक को धोखा देने की साजिश रचने और विभिन्न ऋण सुविधाओं की मंजूरी मांगने का आरोप है. सीबीआई अधिकारियों ने कहा अभियुक्तों ने बहीखातों को गलत तरीके से पेश किया और बैंक के धन का दुरुपयोग कर देनदारों से मिलने वाली राशि को इधर-उधर किया है.
FCI घोटाले पर भी हुई कार्रवाई
CBI ने कल यानी बुधवार (11 जनवरी) को ही भारतीय खाद्य निगम (FCI) में घोटाले को लेकर कई जगहों पर रेड मारी थी. इसमें सीबीआई ने अब तक 60 लाख रुपये बरामद किए हैं और एफसीआई के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) राजीव कुमार मिश्रा को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े घोटाले में सीबीआई ने 74 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.