पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण खतरे में है और वह उन लोगों से हाथ नहीं मिलायेंगे जो इसमें विश्वास नहीं करते हैं। पवार का यह बयान तब आया है जब प्रधानमंत्री ने राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में ‘विलय कर अपना अस्तित्व मिटाने’ के बजाय क्रमश: अजित पवार एवं एकनाथ शिंदे के साथ हाथ मिला लेने की सलाह दी है।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट राय है कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री मोदी के कारण खतरे में है।
उन्होंने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया। यह (उनकी गिरफ्तारियां) केंद्र सरकार और केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका के बगैर संभव नहीं था। यह दर्शाता है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रणाली में कितना विश्वास है। पवार ने कहा कि वह ऐसे किसी व्यक्ति, पार्टी या विचारधारा से हाथ नहीं मिला सकते जो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है। महाराष्ट्र के नंदुरबार में इससे पहले एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने पवार का नाम लिये बगैर कहा था कि ‘डुप्लीकेट राकांपा एवं शिवसेना’ ने चार जून के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में विलय कर लेने का मन बना लिया है, लेकिन उन्हें ऐसा करने के बजाय अजित पवार एवं एकनाथ शिंदे से हाथ मिला लेना चाहिए।