
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और शरद पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 10 विधायकों को उस याचिका पर बुधवार को नोटिस जारी किया गया जिसमें विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी गई है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट वाली राकांपा के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं। न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और इस मामले में जवाबदेह सभी को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की है। पाटिल ने अपनी याचिकाओं में उच्च न्यायालय से विधानसभा अध्यक्ष के हालिया आदेश को कानूनी तौर पर गलत करार देते हुए उसे रद्द करने और सभी 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी चुनाव आयोग के फैसले का हवाला दिया था
इससे पहले 15 फरवरी को महाराष्ट्र की सियासत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले में आदेश सुनाया था। राहुल नार्वेकर ने अपने आदेश में कहा था कि अजित पवार गुट ही ‘असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ है। निर्णय विधायी बहुमत पर आधारित था। ऐसे में अजित गुट को अयोग्य नहीं ठहरा सकते। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि जुलाई 2023 में जब पार्टी में दो गुट उभरे तो अजित पवार के नेतृत्व वाला समूह ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी थी। नार्वेकर ने विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। दरअसल, पार्टी में टूट के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों ने अयोग्यता याचिकाएं दायर की थीं।