
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को बड़ी राहत देते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा को 4 सितंबर के अपने आदेश पर कोई कार्रवाई करने से रोक दिया, जिसमें कंपनी के लोन अकाउंट को ‘धोखाधड़ी’ वाला बताया गया था। जस्टिस रियाज़ चागला और फरहान दुबाश की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि बैंक अगली सुनवाई, जो 24 सितंबर को होगी, तक कोई कदम नहीं उठाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि बैंक ने आरकॉम की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है, इसलिए उसे 23 सितंबर तक हलफनामा जमा करना होगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने आरोप लगाया था कि आरकॉम ने लोन का गलत इस्तेमाल किया और फंड का दुरुपयोग करते हुए अनियमित लेन-देन किए, जिसके आधार पर उसने कंपनी का अकाउंट धोखाधड़ी वाला घोषित किया। इसके खिलाफ आरकॉम ने हाई कोर्ट का रुख किया। अंबानी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नवरोज़ सिरवाई ने दलील दी कि बैंक का कदम गैरकानूनी है, क्योंकि फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट (जो बीडीओ ने तैयार की थी) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कहने पर बनी थी और बैंक ऑफ बड़ौदा उस कंसोर्टियम का हिस्सा नहीं था। हालांकि न्यायाधीशों ने माना कि बैंक ऑफ बड़ौदा को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। सिरवाई ने अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि धोखाधड़ी का टैग लगने से आपराधिक कार्यवाही शुरू हो सकती है। राहत का विरोध करते हुए, बैंक के वकील ने तर्क दिया कि आरबीआई का मास्टर सर्कुलर केंद्रीय बैंक को ऐसी सूचना देने का निर्देश देता है और यह जानकारी पहले ही रिजर्व बैंक को भेजी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि एसबीआई ने आरकॉम के अकाउंट को स्वतंत्र रूप से धोखाधड़ी वाला घोषित किया था और इस मामले में सीबीआई को भी जानकारी दी थी, जिसने बैंक ऑफ बड़ौदा से विवरण मांगा था। फिलहाल, हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि 24 सितंबर को अगली सुनवाई तक बैंक ऑफ बड़ौदा कोई कार्रवाई नहीं करेगा।




