Bodh Mahotsav 2023: इतिहास के पन्नों में बोधगया का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा है। यह पवित्र स्थान बिहार में है। इस पावन भूमि पर विश्व प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है। जानकारों की मानें तो समस्त विश्व में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह मक्का-मदीना के समतुल्य है। इस पावन भूमि पर बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने पहला उपदेश बोधि वृक्ष के नीचे ही शिष्यों को दिया था। साथ ही गया में पिंड दान भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने गया में ही अपने पितरों का पिंडदान किया था। अतः बड़ी संख्या में सनातन और बौद्ध धर्म के अनुयायी गया आते हैं। साथ ही विश्व के कई देशों से बौद्ध श्रद्धालु गया देव दर्शन हेतु आते हैं। अगर आप भी आने वाले दिनों में बौद्ध गया जाने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि गया में बौद्ध महोत्सव का आयोजन होने वाला है। यह महोत्सव तीन दिवसीय है, जो 27 जनवरी से 29 जनवरी तक चलेगा। आप बौद्ध महोत्सव के दौरान गया की धार्मिक यात्रा कर सकते हैं। इस महोत्सव के लिए गया में तैयारियां जोर शोर से चल रही है। बौद्ध महोत्सव को लेकर न केवल देश में, बल्कि विदेश में भी उत्सव जैसा माहौल है। काफी संख्या में बौद्ध अनुयायी पूरे विश्व में हैं। उनका भगवान बुद्ध के प्रति अटूट स्नेह और श्रद्धा है। ऐसी संभावना है कि बौद्ध महोत्सव में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु गया आ सकते हैं। आइए, इस महोत्सव के बारे में जानते हैं-
बौद्ध महोत्सव
बौद्ध महोत्सव का आयोजन 27 जनवरी से लेकर 29 जनवरी है। हालांकि, कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर निकट भविष्य में बौद्ध महोत्सव को लेकर नई गाइडलाइन जारी की जा सकती है। इससे पहले भी साल 2020 और 2021 में कोरोना की वजह से बौद्ध महोत्सव पर असर पड़ा था। इस महोत्सव की शुरुआत साल 1998 में हुई थी। उस समय से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गया आ रहे हैं। इस महोत्सव में कई बड़े कलाकारों के शामिल होने की संभावना है। गया में भगवान बुद्ध की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 18 नवंबर, 1989 को 14वें दलाई लामा ने की थी। आप अपने परिवार के साथ जनवरी महीने में बौद्ध महोत्सव देखने गया जा सकते हैं।