नासिक। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के परिणामस्वरूप आगामी लोकसभा चुनावों में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने यह भी कहा कि प्याज निर्यात से संबंधित सरकार के फैसलों, इथेनॉल और चीनी उद्योग पर उसकी “मनमानी नीतियों” ने कृषक समुदाय में निराशा पैदा की है, जो आगामी आम चुनावों में दिखाई देगी। उन्होंने कहा विभिन्न दैनिक उपयोग की वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, प्याज, इथेनॉल और चीनी उद्योग से संबंधित मनमानी नीतियों ने राज्य में कृषक समुदाय को परेशान कर दिया है। आगामी संसदीय चुनाव में केंद्र सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री प्याज के निर्यात पर केंद्र के प्रतिबंध के साथ-साथ इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के रस के उपयोग पर प्रतिबंध का जिक्र कर रहे थे। प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के साथ महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीन सहयोगियों के सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की अधिकांश लोकसभा सीटों पर चर्चा पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दो से चार सीटें हैं जिन पर प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वीबीए के उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं, जिससे सभी चार प्रमुख दल संयुक्त रूप से संसदीय चुनाव लड़ सकें। उन्होंने कहा क्योंकि हम सभी के पास समय कम हैं, एमवीए की तीन प्रमुख पार्टियों ने राज्य में अपना अभियान शुरू कर दिया है। आम चुनाव से पहले हमारे हाथ में बहुत सीमित समय है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया, केंद्र सरकार के पास लोगों को अपने प्रदर्शन में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए, वह हम पर हमला करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।