अजमेर:(Biparjoy storm) बिपरजॉय तूफान का प्रभाव अजमेर में पिछले 36 घंटों से लगातार कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश के दौर के रूप में जारी है। मौसम विभाग के अनुसार अजमेर में पिछले चौबीस घंटों में 150 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। अजमेर और तीर्थराज पुष्कर से जुड़े अनेक जलाशय में बरसाती पानी की अच्छी आवक दर्ज की गई है। अजमेर की आनासागर झील में पानी की अधिक आवक के चलते यहां एक इंच की चादर चल रही है। झील का गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रही है। झील में पानी की अधिक आवक के कारण जहां पुष्कर रोड तक आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया है वहीं कई निचली बस्तियों में पानी का निकास होना ही बंद हो गया है। अब जब तक आनासागर का जलस्तर कम नहीं होता तब तक बस्तियों व कॉलोनियों से पानी नहीं निकलेगा।
अजमेर के ऐतिहासिक जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के वार्डों में पानी भर जाने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, गढ़ीमालियान स्थित महादेव नगर में ट्रांसफार्मर से करंट प्रवाहित होने पर यहां एस्केप चैनल के नाले से भरे पानी में मौजूद करीब 50 से अधिक सांपों की मौत हो गई। वहीं अनेक जगह सांप सड़कों पर कुचले गए। पुष्कर रोड स्थित एक बरसाती नाले में सांपों का पूरा झुण्ड एक ही गुफा में दिखाई दिया। अजमेर के चहुंओर से निकले वाले नाले उफान पर हैं। लगातार हो रही बारिश से शहर की सड़कें लबालब हो गई है तो वहीं अजमेर का जेएलएन अस्पताल भी पानी में डूबा हुआ नजर आ रहा है। ड्रेनेज सिस्टम की गड़बड़ी और नालों की सफाई नहीं होने के चलते जेएलएन अस्पताल के वार्डों में पानी भर गया है, जिससे मरीजों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
जेएलएन अस्पताल के ओपीडी, अस्थि रोग विभाग सहित अन्य विभागों में 3 से 4 इंच तक पानी भर गया है। ऐसे में मरीजों को अब अस्पताल प्रशासन आनन-फानन में दूसरे वार्डों में शिफ्ट कर रहा है। साथ ही सिटी स्कैन रूम के बाहर भी जमकर पानी भर गया है, जिससे मरीजों की जांचों में भी समस्याएं आ रही हैं। अस्पताल में भरे पानी से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी परेशान हैं। स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए के काम होने के बाद भी हॉस्पिटल की स्थिति नहीं सुधरी है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही अस्पताल प्रशासन ने बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहा था कि बिपरजॉय तूफान को लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है लेकिन रविवार को अस्पताल ही बीमार नजर आया। वहीं बात यदि अजमेर नगर निगम की हो तो नगर निगम महापौर ब्रजलता ने शहर को विभिन्न भागों में बांट कर नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने की बात कही थी लेकिन एक दिन की बरसात ने अजमेर नगर निगम को भी आईना दिखा दिया है।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में बरसात के समय पानी भरने की समस्या पुरानी है। असल में अस्पताल की बिल्डिंग पुरानी है और आसपास के क्षेत्र ऊंचे हो गए हैं। यही वजह है कि थोड़ी सी बरसात में पानी अस्पताल में घुस जाता है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कई बार ध्यान आकर्षित किया गया है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि मौजूदा समय में जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उसे देखते हुए जिला प्रशासन से संवाद किया जाएगा। प्रयास होगा कि पुरानी बिल्डिंग के चारों तरफ एक नाले का निर्माण किया जाए ताकि बरसात का पानी अस्पताल में न घुसे। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में जो नई बिल्डिंग बनी है उन्हें ऊंचाई पर बनाया गया है, इसलिए वहां बरसात का पानी नहीं है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी पानी की समस्या के निदान के प्रयास किए जाएंगे।
आनासागर का पानी पुष्कर रोड तक आ जाने से हाजिर होता है कि प्रशासन ने बरसात का पूर्व में आकलन नहीं किया। अब आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को जो परेशानी हो रही है, उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन ही है। 19 जून को भी अजमेर में बरसात का दौर जारी रहा। आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ेंगे। आनासागर के किनारे जो आवासीय कॉलोनियां जलमग्न होंगी, साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी पानी भरा हुआ है। असल में नालों की सफाई नहीं होने की वजह से भी अजमेर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।