
मुंबई। मुंबई पुलिस के निचले रैंक के हजारों कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने आखिरकार पुलिस कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टरों को 538 वर्ग फुट (50 वर्ग मीटर) का सरकारी आवास देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। यह प्रस्ताव मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती द्वारा रखा गया था, जिसे स्वीकार करते हुए सरकार ने औपचारिक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी कर दिया है। मुंबई पुलिस बल में 40,000 से अधिक कांस्टेबल तैनात हैं, जिनमें से बड़ी संख्या आवास की सुविधा के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही थी। अभी तक मुंबई में तैनात कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टरों को 45 वर्ग मीटर (484 वर्ग फुट) का आवास दिया जाता था, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में तैनात उनके समकक्षों को 50 वर्ग मीटर (538 वर्ग फुट) का घर मिलता था। लंबे समय से चली आ रही इस असमानता को खत्म करने की दिशा में यह फैसला बेहद अहम है।
कर्मचारियों की आवास समस्या अब हो सकती है दूर
मुंबई में पुलिस आवास की भारी कमी के कारण कई पुलिस कर्मियों को कर्जत, कसारा, कल्याण, विरार और पालघर जैसे दूरदराज़ इलाकों से रोजाना लंबी दूरी तय कर ड्यूटी पर आना पड़ता है। मौजूदा सरकारी क्वार्टर केवल 180 से 220 वर्ग फुट के बेहद छोटे और जर्जर हैं। कई इमारतें तो इतनी खराब स्थिति में पहुंच गई थीं कि उन्हें खाली कराना पड़ा।पहले पुलिस आवास निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग (PWD) देखता था, लेकिन इमारतों की बदहाली के चलते अब यह ज़िम्मेदारी महाराष्ट्र पुलिस हाउसिंग एंड वेलफेयर कॉर्पोरेशन को सौंप दी गई है। यह संस्था अब तक राज्य भर में लगभग 38,000 पुलिस आवासों का निर्माण कर चुकी है और मुंबई में बड़े पैमाने पर नई रिहायशी इमारतें बना रही है, ताकि सभी योग्य पुलिस कर्मियों को आवास उपलब्ध कराया जा सके। सरकार के इस निर्णय से कांस्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मियों को अब 538 वर्ग फुट का बेहतर और व्यवस्थित आवास मिलने का रास्ता साफ हो गया है- जो उनके जीवन स्तर और कार्यक्षमता दोनों में सुधार लाएगा।




