
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए किसानों को बड़ी राहत देते हुए सोयाबीन, मूंग और उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकार ने इन फसलों की रिकॉर्ड खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है और पंजीकरण प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू होगी। वहीं कपास खरीद के लिए ‘कॉटन किसान’ ऐप के माध्यम से पंजीकरण 1 सितंबर, 2025 से जारी है। पंजीकरण किसान उत्पादक केंद्रों पर भी कराया जा सकता है। विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने मंत्रालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि खरीदी गई उपज का पूरा भुगतान एमएसपी के अनुसार सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा। राज्य सरकार इस वर्ष 3.30 लाख क्विंटल मूंग, 32.56 लाख क्विंटल उड़द और 18.50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रावल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र को केंद्र में रखकर कार्य कर रही हैं। पिछले वर्ष महाराष्ट्र में 11.21 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की रिकॉर्ड खरीद हुई थी। इस वर्ष केंद्र सरकार ने सोयाबीन के एमएसपी में 436 रुपये की वृद्धि करते हुए इसे 5,328 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। उड़द का एमएसपी 7,800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 8,768 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। किसान ऐप के माध्यम से या नजदीकी खरीद केंद्र पर पंजीकरण करके अपनी सुविधानुसार तिथि और समय चुन सकेंगे। शिकायत निवारण के लिए जिला और तालुका स्तर पर प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं और खरीद की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर, कृषि अधिकारी, उप पंजीयक और पुलिस अधिकारियों की विशेष सतर्कता टीम बनाई गई है। खरीद प्रक्रिया पर प्रभावी नियंत्रण हेतु तीन नोडल संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनमें महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन संघ, विदर्भ सहकारी विपणन संघ नागपुर और महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड पुणे शामिल हैं। इसके साथ ही कृषि उपज मंडी समितियों को पहली बार खरीद केंद्र के रूप में जोड़ा गया है। कपास खरीद गारंटी मूल्य योजना के अंतर्गत भी राज्य में व्यापक स्तर पर खरीद जारी है। ‘कपास किसान’ ऐप के माध्यम से अब तक 3.75 लाख से अधिक किसान पंजीकरण करा चुके हैं। पिछले वर्ष कपास का एमएसपी 7,521 रुपये प्रति क्विंटल था जिसे इस वर्ष बढ़ाकर 8,110 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, यानी 589 रुपये की वृद्धि। पिछले वर्ष 6.27 लाख किसानों से 10,714 करोड़ रुपये मूल्य का 144 लाख क्विंटल कपास खरीदा गया था। इस वर्ष किसानों की सुविधा को देखते हुए खरीद केंद्रों की संख्या 124 से बढ़ाकर 170 कर दी गई है।




