भोपाल:(Bhopal) भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने शुक्रवार को दोपहर में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग की। चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण के लिए बनाए गए लांच व्हीकल एलवीएम 3 के टीडी अनुसंधान और सफलतम लांचिंग में मध्य प्रदेश के युवा वैज्ञानिक प्रियांशु मिश्रा की भी अहम भूमिका रही है।
मप्र के उमरिया जिले के छोटे से कस्बे चंदिया के रहने वाले युवा वैज्ञानिक प्रियांशु मिश्रा इसरो में साइंटिस्ट एसएफ के पद पर पदस्थ हैं और वर्तमान में वह इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र तिरुवनंतपुरम (केरल) में पदस्थ हैं। चंद्रयान-2 के बाद जब चंद्रयान-3 की टीम में प्रियांशु मिश्रा को शामिल किया गया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। चंद्रयान-मिशन की सफल लांचिग पर प्रियांशु के पिता विनोद कुमार मिश्रा और माता प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है कि देश के इतने बड़े मिशन में चंदिया जैसे छोटे से कस्बे के बेटे ने अपनी अहम भूमिका निभाई है।
प्रियांशु के पिता विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रियांशु अपने इस मिशन को लेकर काफी उत्साहित थे और इस बार सफलता के लिए पूरे मन से जुटे हुए थे। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूरे मनोयोग से निभाया है। चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग का हिस्सा रहे प्रियांशु मिश्रा अपने कार्यों के लिए पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें वर्ष 2017 में यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड मिला। इसके बाद वर्ष 2022 में उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं संस्था में उन्हें एसी के पद से एसएफ के पद पर पदोन्नति भी मिली। यह सारे सम्मान उनके लिए गौरव की बात है।
विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके पुत्र प्रियांशु मिश्रा पहले भी चंद्रयान 2 मिशन लांचिंग 2019, वनवेव उपग्रह लांचिंग 2023, चंद्रयान 3 लांचिंग 2023 का हिस्सा रह चुके हैं। भविष्य के दो मिशन में भी उनका नाम प्रस्तावित है, जिनमें आदित्य मिशन और गगनयान मिशन हैं। उमरिया जिले के छोटे से नगर चंदिया के रहने वाले प्रियांशु मिश्रा ने भोपाल से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई की जबकि देहरादून से बीटेक और रांची से एमटेक करने के बाद वर्ष 2009 में इसरो का हिस्सा बन गए।