मुंबई। नीट काउंसलिंग सेंटर चलाने वाले अमित देशमुख को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देशमुख रातों-रात दफ्तर बंद कर गायब हो गए थे। हालांकि उनकी गिरफ्तारी किसी अन्य मामले में हुई है और इसका नीट पेपर लीक मामले से कोई सीधा संबंध अभी तक सामने नहीं आया है।
लातूर नीट पेपर लीक मामला
लातूर पुलिस की जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से 14 एडमिट कार्ड मिले हैं, जिनमें से 8 एडमिट कार्ड बिहार के हैं। इन 8 एडमिट कार्ड्स में से 7 बीड के बच्चे हैं और एक बच्चा लातूर का है। मामले की जांच में यह पाया गया कि परीक्षा केंद्र को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने में बीड के विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है। इस वजह से अब एजेंसियों का फोकस लातूर से ज्यादा बीड पर है। पुलिस लातूर के शिक्षकों के बीड कनेक्शन की भी जांच कर रही है। इस बीच दलालों की भी तलाश जारी है।
दलालों की भूमिका:- सूत्रों के अनुसार, कई दलाल नीट के विद्यार्थियों को फोन करके यह पूछते थे कि उन्हें किस मेडिकल कॉलेज में एडमिशन चाहिए। इसके हिसाब से उन्हें नंबर दिलवाने का वादा किया जाता था। इन दलालों के निशाने पर खासकर वे विद्यार्थी होते थे जो दुबारा नीट की परीक्षा में बैठने वाले थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे पता लगा रहे हैं कि ये दलाल कौन हैं, उनके कितने नंबर विद्यार्थियों के पास हैं, और कैसे इन दलालों को बड़ी आसानी से नीट की परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों का नंबर मिल जाता था।
वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई आरोपियों को पकड़ रही है और किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। एनटीए से लोगों को हटाया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।