
मुंबई। महाराष्ट् सरकार में शामिल होने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में कैबिनेट ने आठ अहम फैसले लिए। इसके बाद महाराष्ट्र हरित हाइड्रोजन नीति की घोषणा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। जबकि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए मराठा, कुनबी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की गई। रविवार को शपथ-ग्रहण समारोह के 48 घंटे के अंदर हुई कैबिनेट बैठक में अजित पवार समेत एनसीपी के सभी 9 नवनियुक्त मंत्री शामिल हुए। गौरतलब है कि अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी के 9 विधायकों के सरकार में शामिल होने के बाद कैबिनेट की यह पहली साप्ताहिक बैठक थी। हालांकि अभी उनके विभागों का आवंटन नहीं हुआ है।
महाराष्ट्र कैबिनेट में इन फैसलों पर लगी मुहर-
1- राज्य की ग्रीन हाइड्रोजन नीति की घोषणा। महाराष्ट्र ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
2- मराठा, कुनबी छात्रों के लिए विदेश में उच्च शिक्षा के लिए ‘सयाजीराव गायकवाड- सारथी छात्रवृत्ति’ योजना। इसके तहत हर वर्ष 75 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
3- दिंडोरी तालुक के चिमनपाड़ा और त्र्यंबक तालुक के कलमुस्ते में धारा परिवर्तन योजनाओं को मंजूरी।
4- नागपुर के शिवराज फाइन आर्ट लिथो वर्क्स के कर्मचारियों को सरकारी सेवा में शामिल किया जाएगा।
5- सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशों या उनके पतियों, पत्नियों को सेवानिवृत्ति के बाद विशेष लाभ दिया जायेगा।
6- सिंधुदुर्ग जिले के आंबोली, गेले और चोकुल में भूमि के संबंध में अहम निर्णय।
7- नागपुर कृषि महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित होगा।
8- मछली बीज संरक्षण केन्द्रों की लीज अवधि को अब 25 वर्ष तक बढ़ाया जा रहा है।
विडंबना यह है कि सरकार के पहले साल में विपक्ष के नेता के तौर पर शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना करने वाले अजित पवार अब खुद सरकार में शामिल हो गए हैं और उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं। इसके अलावा शिंदे-फडणवीस सरकार के पहले वर्ष के महत्वपूर्ण निर्णयों की तारीफ करने वाली पुस्तक ‘पहिले वर्ष सुराज्याचे’ का विमोचन सीएम शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस और अजित दादा द्वारा किया गया।