
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कृषि विभाग, एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन, ग्रामीण विकास विभाग और टाटा मोटर्स फाउंडेशन के बीच हुआ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) राज्य में कृषि, महिला सशक्तिकरण, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। सोमवार को सह्याद्री अतिथि गृह में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए कृषि क्षेत्र में नए प्रयोगों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि महिला किसान कृषि व्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पोषण सुरक्षा आज की प्रमुख आवश्यकता है और यह पहल किसानों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग और टाटा मोटर्स फाउंडेशन के बीच हुआ समझौता ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत 63 ग्राम पंचायतों में प्रभावी कार्यान्वयन होगा और भविष्य में इसे और अधिक गाँवों तक विस्तार देने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। यह पहल राज्य के “समृद्धि ग्राम मिशन” को भी गति प्रदान करेगी। इस समझौते के माध्यम से गाँवों के सतत विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए एक मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की जाएगी। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य केवल खाद्य सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि पोषण सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और किसान समृद्धि जैसे व्यापक लक्ष्यों को प्राप्त करना है। “जैव-सुख” आधारित सतत कृषि को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसमें संरक्षण, खेती, खरीद और विपणन के तत्वों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। इस अवसर पर कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे, ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे, राज्य मंत्री योगेश कदम, मुख्य सचिव राजेश कुमार, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. विकास चंद्र रस्तोगी, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ दावले, एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की डॉ. सौम्या स्वामीनाथन और टाटा मोटर्स के सीईओ विनोद कुलकर्णी उपस्थित थे।
कृषि विभाग और एम.एस.स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के बीच एमओयू के प्रमुख बिंदु
*पर्यावरणीय परिवर्तनों और पोषण मूल्यों को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक एवं स्थानीय मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देना।
* राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में “जैव-सुख केंद्र” स्थापित कर पर्यावरण के अनुकूल, पौष्टिक और जैव विविधता को
बढ़ावा देने वाली कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना।
*संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2026 को “महिला कृषक वर्ष” घोषित किए जाने के मद्देनज़र महिला कृषकों के सशक्तिकरण
हेतु विशेष कानून और सावित्रीबाई फुले महिला कृषक सशक्तिकरण मिशन की स्थापना।
टाटा मोटर्स फाउंडेशन और ग्रामीण विकास विभाग के बीच एमओयू के प्रमुख बिंदु
- पालघर जिले की छह ग्राम पंचायतों में सफलतापूर्वक कार्यान्वित एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम को अब राज्य की 63 ग्राम पंचायतों (100 गाँवों) में लागू किया जाएगा।
- यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री “समृद्धि पंचायत राज अभियान” का पूरक है और राज्य के 10 आकांक्षी तालुकों में लागू किया जाएगा।
- तीन वर्षीय अवधि में प्रत्येक गाँव में पंचायतों और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाकर सतत विकास को सुनिश्चित किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिल सकेगा।
- कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सरकारी योजनाओं और टाटा मोटर्स के सामाजिक उत्तरदायित्व कोष का अभिसरण किया जाएगा, जिससे सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सके।
- योजनाओं की निगरानी, मूल्यांकन और क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।




