मुंबई। प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों की तकलीफों को सुनें। देश की बेटियों को न्याय दें। यह मांग करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। अपनी चिट्ठी में एमएनएस प्रमुख ने पीएम मोदी से अपील की है कि वे दिल्ली में आंदोलन कर रही महिला पहलवानों का दर्द सुनें और इस मुद्दे का सम्मानजनक समाधान निकालें। राज ठाकरे ने लिखा है कि इन पहलवानों को अपनी परेशानियां जाहिर करते हुए २८ मई को जो झेलना पड़ा, वो फिर न झेलना पड़े, इसलिए इस मुद्दे पर निजी तौर पर ध्यान दें। राज ठाकरे ने अपने पत्र में लिखा है कि, ‘जिनका जिक्र हम गर्व के साथ ‘देश की बेटियां’ कह कर करते रहे हैं, जिनकी मेहनत और हुनर से देश को कई पदक हासिल हुए हैं, वे महिला पहलवान इंसाफ की मांग कर रही हैं। आप खुद इस मुद्दे पर ध्यान दें और सम्मानजनक समाधान निकालें और भारतीय खेल जगत को आश्वस्त करें। यही हमारी नम्र विनती है।
राज ठाकरे का पत्र पीएम नरेंद्र मोदी के नाम
आदर के साथ जय महाराष्ट्र!
आज आपका ध्यान एक अहम मुद्दे पर दिलाने के लिए यह चिट्ठी लिख रहा हूं। दरअसल, ध्यान दिलाने की बात तब कही जानी चाहिए जब यह मुद्दा आपको पता न हो। पर आपको इसकी जानकारी है, यह निश्चित है। इसलिए प्रधानसेवक होने के नाते आपसे इस मुद्दे पर ध्यान देने की विनती कर रहा हूं।
जिन पर हम ‘देश की बेटियां’ कह कर गर्व करते हैं। जिनकी मेहनत और हुनर से अपने देश को कई पदक हासिल हुए हैं, वे महिलाएं पिछले कई दिनों से अपनी मांग लिए दिल्ली में आंदोलन कर रही हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष की ओर से उनका यौन शोषण किए जाने की शिकायत है। ऐसे में आपकी तरफ से उन्हें न्याय मिले। यह लड़ाई किसी भी ‘बाहुबली’ की तरफ से रोकी न जा सके, इसका भरोसा उन्हें सरकार की ओर से मिले, यानी आपकी ओर से मिले। इससे पहले आपने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए चाहे उत्तराखंड में दुर्घटना घटी हो या मुंबई में २६/११ के हमले हुए हों, वक्त रहते अपनी सतर्कता और सहृदयता दिखाई थी। वही सहृदयता आप अपने कार्यालय और निवास स्थान से चंद किलोमीटर की दूरी पर मौजूद महिला पहलवानों को भी दिखाएं, यही आपसे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की विनती है।अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो फिर किस खिलाड़ी को यह महसूस होगा कि वो देश की खातिर अपने खून को पानी करते हुए पदक हासिल करे? अपने देश की सरकार को ही जब अपनी परवाह नहीं, ऐसा लगने लगे तब तो ‘खेलो इंडिया’ बस सपना ही रहेगा। अगर हम अपने खिलाड़ियों को देश का गौरव मानते हैं तो उन्हें २८ मई को जो झेलना पड़ा, वो दोबारा न झेलना पड़े। उनकी तकलीफें सुनी जाएंगी, यह उन्हें भरोसा रहे। इतना आप जरूर करेंगे. मुझे यह विश्वास है।
आप इस मुद्दे पर ध्यान दें और इस समस्या का समाधान निकालें, एक बार फिर यही विनती। आपका राज ठाकरे