मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। एक तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट कभी भी फैसला सुना सकती है। तो वहीँ दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में भी ‘ऑल इज नॉट वेल’ लग रहा है। एमवीए नेताओं के बयान में मनमुटाव साफ नजर आ रहा है और गठबंधन के बीच मतभेद गहराता जा रहा है। हालत यह है कि अब एमवीए के भविष्य पर ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने एमवीये को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिससे विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है। शरद पवार ने कहा है कि आज महाराष्ट्र में आघाडी है, लेकिन कल होगी या नहीं, इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। रविवार को जब पत्रकारों ने शरद पवार से पूछा कि क्या एमवीए पार्टियां 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगी, तो इस पर एनसीपी प्रमुख ने कहा आज हम महाविकास अघाडी का हिस्सा हैं और साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखते हैं। लेकिन केवल इच्छा ही हमेशा पर्याप्त नहीं होती है। सीटों का आवंटन, कोई समस्या है या नहीं… इन सब मुद्दों पर अभी चर्चा नहीं हुई है। तो मैं इस बारे में अभी कैसे बता सकता हूं? एनसीपी सुप्रीमो का यह बयान कांग्रेस को रास नहीं आया है। जबकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) पवार की इस टिप्पणी पर ‘डैमेज कंट्रोल’ वाला रुख अपनाये हुए है।
नाना पटोले ने कही बड़ी बात
शरद पवार के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक दलों के साथ मिलकर लड़ना कांग्रेस की भूमिका है। एमवीए गठबंधन में शामिल दलों की भूमिका अलग हो सकती है। लोकतंत्र खतरे में है, किसान संकट में है, किसान महंगाई से त्रस्त है, जो हमारे साथ रहेगा हम उसके साथ आगे बढ़ेंगे… हम यह नहीं पूछ रहे हैं कि किसी के मन में क्या है। क्योकि ये हमारा सवाल नहीं है।