
पुणे। पुणे के नवले ब्रिज पर तीन वाहनों की टक्कर और उसके बाद भड़की आग में आठ लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दीर्घकालिक उपायों के साथ तात्कालिक कदम भी उठाए जाएंगे। केंद्रीय नागरी उड्डाण राज्यमंत्री और पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने शनिवार को सरकारी विश्रामगृह में मनपा आयुक्त, पुलिस आयुक्त, पीएमआरडीए प्रमुख, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक, राज्य महामार्ग प्राधिकरण और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की। उन्होंने ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं, गति सीमा, सर्विस रोड और भूमि अधिग्रहण से संबंधित अटके मामलों पर एक महीने में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। यह हादसा गुरुवार को हुआ था, जिसमें 8 लोगों की मौत और 9–10 लोग घायल हुए थे। मोहोल ने बताया कि नहें से रावेत के बीच बनने वाले एलिवेटेड रूट का ड्राफ्ट मंजूर हो चुका है और इस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत कर इसे जल्द शुरू कराने का प्रयास होगा। जांभुलवाडी से वारजे तक रिंग रोड निश्चित किया गया है, जिससे ट्रैफिक को डाइवर्ट कर भीड़ और हादसों में कमी लाई जा सकती है। नवले ब्रिज क्षेत्र में तेज ढलान को देखते हुए स्वामीनारायण मंदिर से नवले ब्रिज के बीच ‘रम्बलिंग स्ट्रिप’ बनाया जाएगा। दरी पुल से वडगांव बुद्रुक के बीच तेजी से दौड़ने वाले वाहनों पर नियंत्रण के लिए तीन स्पीड गन पहले से हैं, जिनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। पिछले पांच वर्षों में नवले ब्रिज क्षेत्र में 257 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 115 लोगों की मौत और 94 लोग घायल हुए—जो इसे ‘मौत का जाल’ बनने की चिंताजनक स्थिति दर्शाता है। भारी वाहनों पर नियंत्रण के लिए खेड शिवापूर टोलनाके पर ट्रक और कंटेनर चालकों की ‘तकनीकी जांच’, ब्रेक परीक्षण और ओवरलोड वाहनों का मौके पर ही माल उतारने की कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ई-चलान जारी करने के साथ-साथ दरी पुल से वडगांव बुद्रुक तक मौके पर ही कार्रवाई का आदेश दिया गया है। सर्विस रोड के अधूरे काम पर मंत्री मोहोल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में अटके मामलों को तुरंत सुलझाया जाएगा, खासकर पाषाण क्षेत्र में रक्षा विभाग की जमीन को लेकर प्रयास तेज होंगे। सर्विस रोड पर पीएमपी बसों और निजी वाहनों के अवैध स्टॉपेज हटाने, नियमित स्टॉपेज विकसित करने और अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया, क्योंकि रोजाना 350 से अधिक पीएमपी बसें इस मार्ग से गुजरती हैं।




