
मुंबई। पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थल माथेरान में सुविधाओं के विस्तार और पर्यटन अवसंरचना को मजबूत करने हेतु राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप माथेरान में ई-रिक्शा सेवा को शीघ्र शुरू किए जाने पर बल दिया गया है। इस संबंध में पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई ने स्थानीय प्रशासन को आवश्यक प्रक्रियाओं में तीव्रता लाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। सह्याद्रि अतिथि गृह में आयोजित समीक्षा बैठक में पर्यटन अवसंरचना विकास और स्थानीय समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई ने की। इस अवसर पर विधायक महेंद्र थोरवे, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अतुल पाटने, कोंकण संभागीय आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी, पर्यटन निदेशक डॉ. बी.एन. पाटिल और महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नीलेश गतने उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रायगढ़ कलेक्टर किशन जावले, पूर्व महापौर मनोज खेडकर, रिक्शा चालक संघ के सचिव सुनील शिंदे, पूर्व नगरसेवक शिवाजी शिंदे और अन्य अधिकारी बैठक से जुड़े। पर्यटन मंत्री देसाई ने कहा कि माथेरान राज्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्यटन शहर है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। इसके मद्देनज़र स्थानीय पर्यटन ढाँचे को सुदृढ़ करने की आवश्यकता सर्वोपरि है। उन्होंने महाराष्ट्र सड़क विकास प्राधिकरण को पार्किंग हेतु आरक्षित भूमि को माथेरान नगर परिषद को नि:शुल्क हस्तांतरित करने के निर्देश दिए। साथ ही इस भूमि पर हुए अतिक्रमण को तुरंत हटाने पर भी जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण संरक्षण और सतत पर्यटन विकास के लिए माथेरान पर्यावरण संवेदनशीलता निगरानी समिति की ऑफलाइन बैठक आयोजित की जाएगी। ई-रिक्शा सेवा शुरू होने से शहर में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यटकों की आवाजाही सुविधा और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई गई है।




