
मुंबई। इस वर्ष छठ पूजा का उत्सव पूरे देश में व्यापक स्तर पर देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। पहले छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार तक सीमित थी, किंतु पिछले कुछ वर्षों में यह देशभर में तेजी से प्रसारित हुई है। मुंबई में प्रवासी समुदाय की बढ़ती संख्या को देखते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने कई स्थानों पर कृत्रिम घाटों का निर्माण किया है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने भी तैयारी में विशेष रुचि लेते हुए पूजा हेतु आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की हैं। माना जा रहा है कि आगामी नगर निगम चुनाव और भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के चलते भी प्रशासन इस उत्सव पर विशेष ध्यान दे रहा है। हालांकि, छठ पूजा को लेकर समय-समय पर विरोध की आवाजें भी उठती रही हैं। इसी के साथ ही रेलवे ने भी भारी संख्या में यात्रियों के आवागमन को देखते हुए विशेष प्रबंध किए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए देशभर से लगभग 12,000 विशेष ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है। केवल मध्य रेलवे से ही दो हजार से अधिक विशेष गाड़ियाँ चलाई गई हैं। हालांकि, कई प्रमुख स्टेशनों पर सुविधाओं का अभाव भी देखा गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्वयं यमुना घाटों का निरीक्षण कर रहीं हैं और चाक-चौबंद सुरक्षा और सुविधाओं का दावा किया जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी व्यापक तैयारियों के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड सरकार भी पर्व की तैयारियों में सक्रिय है। सूत्रों के अनुसार, 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वासुदेव घाट पर पूजा में शामिल होकर छठी माता का आशीर्वाद ग्रहण करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें इस तथ्य पर टिकी हैं कि श्रद्धा, आस्था और प्रसाद का महान पर्व छठ इस बार राजनीतिक नैया में किसकी राह आसान करता है।





