Friday, November 21, 2025
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सूक्ष्म व लघु उद्योगों को गैर-कृषि लाइसेंस से छूट, औद्योगिक टाउनशिप व पैलिएटिव केयर नीति पर जोर

मुंबई। सह्याद्री गेस्ट हाउस में गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित नीति सुधार बैठक में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में तय किया गया कि कुछ भूमि सीमा के भीतर सूक्ष्म और लघु उद्योगों तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को अब गैर-कृषि (एनए) लाइसेंस की बाध्यता से छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस कदम से उद्यमियों का समय बचेगा और वे समय पर अपने उद्योग शुरू कर सकेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि राज्य को आगे ले जाने के लिए नीतियां भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में ‘औद्योगिक टाउनशिप’ स्थापित करना आवश्यक है, जहां कामगारों को शहर और गांव जैसी सभी नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इससे श्रमिकों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार के बाद रोगियों की पीड़ा कम करने के लिए ‘पैलिएटिव केयर पॉलिसी’ लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कैंसर के तीसरे और चौथे चरण में यह नीति बेहद जरूरी है, ताकि लक्षणों और दर्द को कम करने वाली दवाएं आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें। ऊर्जा क्षेत्र पर बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि कुछ उद्योगों को ‘कैप्टिव पावर जनरेशन’ करना होगा। इससे प्रतिस्पर्धी बिजली दरें बनेंगी और उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी। श्रमिकों की कुशलता बढ़ाने के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और श्रमिकों के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू करने का भी सुझाव दिया गया।
भुगतान प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को होने वाले भुगतान के लिए सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल बनाएगी। इसमें ऑटोमेटेड सिस्टम होगा, जिससे सेवा प्रदाताओं को अपने भुगतान की स्थिति तुरंत पता चल सकेगी। अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क से होने वाले निर्यात नुकसान की भरपाई के लिए राज्य को नए बाजार तलाशने होंगे। इसके अलावा, घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सागौन के पेड़ लगाने का क्षेत्र भी बढ़ाया जाएगा। इस बैठक में एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी, पैलिएटिव केयर पॉलिसी, एमएसएमई पेमेंट सिस्टम, बायोगैस पॉलिसी, प्याज महाबैंक, नॉन-एग्रीकल्चर लाइसेंसिंग सिस्टम और आयात शुल्क से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में मुख्य सचिव राजेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) मिलिंद म्हैसकर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) ओ. पी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खारगे, अतिरिक्त मुख्य सचिव (शहरी विकास) के. गोवेंद्रराज, प्रधान सचिव (योजना) सौरभ विजय और मित्र संस्था के सीईओ प्रवीण परदेशी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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