
मुंबई। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने केंद्रीय एजेंसियों और राज्य एटीएस इकाइयों के सहयोग से एक बड़े आतंकवाद-रोधी अभियान में आईएसआईएस से जुड़े अखिल भारतीय मॉड्यूल का पर्दाफ़ाश किया है। दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश, हैदराबाद और झारखंड में एक साथ की गई छापेमारी में 20 से 26 वर्ष आयु वर्ग के पाँच युवकों को गिरफ्तार किया गया। इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड झारखंड के बोकारो निवासी अशहर दानिश (23) है, जो पाकिस्तानी हैंडलर के सीधे संपर्क में रहकर भारत में खिलाफत-शैली का नेटवर्क खड़ा करने की साजिश रच रहा था। गिरफ्तार आरोपियों में कल्याण निवासी आफ़ताब कुरैशी (25), मुंब्रा के सूफ़ियान अबुबकर खान (20), निज़ामाबाद (तेलंगाना) का हुज़ैफ़ यमन (20) और मध्य प्रदेश के राजगढ़ का कामरान कुरैशी (26) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन युवकों को एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए प्रशिक्षित किया गया था और उन्हें “ख़िलाफ़त-शैली का संगठन बनाना” तथा “ग़ज़वा-ए-हिंद शैली के हमले करना” जैसे दोहरे मिशन सौंपे गए थे। जाँच में सामने आया कि वे एक एनजीओ की आड़ में ज़मीन हथियाकर उसे “अल शाम” नामक मुक्त क्षेत्र घोषित करने की योजना बना रहे थे। पहली बड़ी सफलता मंगलवार को मिली, जब दिल्ली पुलिस ने हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर दो आरोपियों को हथियार और विस्फोटक सामग्री ले जाते समय पकड़ लिया। इनके ठिकानों पर छापेमारी में डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री जब्त हुई। मास्टरमाइंड दानिश पिछले 18 महीने से झारखंड के एक लॉज में ‘सीईओ’ और ‘प्रोफ़ेसर’ जैसे उपनामों से काम कर रहा था। उसके कब्ज़े से पुलिस ने सल्फ़र, नाइट्रिक एसिड, कॉपर प्लेट, सर्किट, पिस्तौल और कारतूस बरामद किए। वह “प्रोजेक्ट मुस्तफ़ा” नामक सोशल मीडिया ग्रुप चलाता था, जिसमें लगभग 40 सदस्य शामिल थे और जिसका इस्तेमाल जिहादी प्रचार व भर्ती के लिए किया जाता था। जाँच से पता चला कि निज़ामाबाद का हुज़ैफ़ हथियार निर्माण में, आफ़ताब कुरैशी युवाओं की भर्ती में और कामरान कुरैशी वित्तीय मदद पहुँचाने में सक्रिय था। दिल्ली, रांची, ठाणे, बेंगलुरु, निज़ामाबाद और राजगढ़ में छापों के दौरान दो सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, 15 कारतूस, एक देसी पिस्तौल, एक एयरगन और रसायनों समेत भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।






