मुंबई। मुंबई के खार (पूर्व) इलाके में स्थित “श्री गणेश परिवार मित्र मंडळ” द्वारा आयोजित सार्वजनिक गणेशोत्सव ने इस वर्ष अपने 20वें वर्ष में कदम रखा है। यह उत्सव विशेष रूप से इसलिए अद्वितीय है क्योंकि इसे मंडल के सबसे युवा पदाधिकारियों द्वारा संगठित किया जाता है, जिन्होंने अपनी ऊर्जा, समर्पण और नवीन दृष्टिकोण के साथ इसे एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
आपला गणराज: परंपरा और उत्साह का संगम
“आपला गणराज” के नाम से प्रसिद्ध यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसे क्षेत्र के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हर साल यहां गणपति बाप्पा के आगमन से लेकर विसर्जन तक का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम से किया जाता है। इस वर्ष, 2024 में, यह उत्सव 6 सितंबर से शुरू होकर कई विशेष कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। 6 सितंबर की रात 8 बजे गणराज का आगमन सोहळा होगा, जिसे लेकर भक्तों में गहरी उत्सुकता है। इसके बाद 14 सितंबर को शाम 7 बजे “श्री गणराज महाआरती” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों भक्तगण शामिल होकर बाप्पा की आरती करेंगे।
धार्मिक आयोजनों के साथ भक्ति का अनुष्ठान
रविवार, 15 सितंबर को दोपहर 2 बजे “श्री सत्यनारायण महापूजा” का आयोजन किया जाएगा। यह पूजा हर साल बड़े उत्साह के साथ की जाती है और इसे लेकर भक्तों में विशेष श्रद्धा है। इसी दिन शाम 7 बजे “महाप्रसाद” का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें भक्तजनों को प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
स्थान और संपर्क जानकारी
यह उत्सव बच्ची देवी चाल, जवाहर नगर, खार (पूर्व), मुंबई-51 में आयोजित किया जाता है। इस उत्सव की जानकारी और आयोजन के बारे में अधिक जानकारी के लिए www.aaplaganraj.com पर जा सकते हैं या info@aaplaganraj.com पर संपर्क किया जा सकता है।
समर्पित युवा नेतृत्व
“श्री गणेश परिवार मित्र मंडळ” की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे युवा पदाधिकारियों द्वारा संगठित किया जाता है, जो नई पीढ़ी के उत्साह और उर्जा को उत्सव में समाहित करते हैं। इन युवाओं की दूरदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी के कारण, इस मंडल ने 20 वर्षों में एक अलग पहचान बनाई है।
“आपला गणराज” उत्सव का मुख्य उद्देश्य है समुदाय के लोगों को एक साथ लाना, परंपराओं को सहेजना और सभी के बीच एकता, प्रेम और सद्भावना का संदेश फैलाना। 20 वर्षों के इस सफल सफर के बाद, यह उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी प्रतीक बन गया है।