Friday, June 20, 2025
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चिकित्सक के निर्देश पर नाबालिग आरोपी के रक्त के नमूने किसी और के नमूनों से बदले गए : पुणे पुलिस

पुणे। पुणे पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि कार हादसे में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय लड़के के रक्त के नमूनों को ससून अस्पताल के एक चिकित्सक के कहने पर कूड़ेदान में फेंक दिया गया था और किसी अन्य व्यक्ति के नमूनों को उसके रक्त का नमूना बता दिया गया था। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि किशोर के पिता ने चिकित्सक से बात की थी और उसे कोई लालच देकर रक्त का नमूने बदलने को कहा था। पुणे में 19 मई की सुबह तेज रफ्तार से जा रही ‘पोर्श’ कार की टक्कर लगने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। यह कार कथित रूप से नाबालिग चला रहा था। पुलिस का दावा है कि जिस समय हादसा हुआ, उस समय किशोर नशे में था। कुमार ने बताया कि उन्होंने ससून अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े और सरकारी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हालनोर को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा जांच में पता चला है कि किशोर के रक्त के नमूनों को किसी अन्य व्यक्ति के नमूनों से बदल दिया गया था और ऐसा डॉ. तावड़े के निर्देश पर किया गया था। उन्होंने कहा कि डॉ. तावड़े के निर्देश पर किशोर के रक्त के नमूनों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया था और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के रक्त के नमूने लिए गए थे। कुमार ने कहा जांच में यह भी पता चला कि किशोर के पिता ने ही डॉ. अजय तावड़े से बात की थी और उन्हें कोई लालच देकर रक्त के नमूने बदलने को कहा था। अपराध शाखा के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि किशोर के पिता ने डा तावड़े को कई बार फोन किया। कुमार ने पुलिस अधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए उन्होंने किशोर का एक और नमूना लिया था और इसे किसी अन्य अस्पताल में भेजा गया है। उन्होंने कहा दूसरे अस्पताल की रिपोर्ट से पता चला कि ससून अस्पताल में किशोर के रक्त की रिपोर्ट में हेरफेर किया गया था क्योंकि दोनों रिपोर्ट के डीएनए (रक्त के नमूने) मेल नहीं खाते। उन्होंने बताया कि दोनों चिकित्सकों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पुलिस ने (आरोपी किशोर का) एक और नमूना लिया होगा। कुमार ने कहा इस बात की जांच की जा रही है कि किसके रक्त के नमूने एकत्र कर किशोर के रक्त के नमूने से बदले गए। हमने ससून अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज बरामद कर लिए हैं और आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि किशोर के खिलाफ जिस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें भारतीय दंड की धाराएं 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और अन्य संबंधित धाराएं भी जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा हमने मौजूदा मामले में किशोर के पिता को सह-आरोपी बनाया है। किशोर को शुरुआत में किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी और उसे सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा था लेकिन उसके साथ नरमी बरते जाने पर हुई आलोचना और पुलिस द्वारा पुनरीक्षण याचिका दायर किए जाने के बाद उसे पांच जून तक हिरासत केंद्र में भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में किशोर के पिता और उसके दादा को गिरफ्तार किया है। किशोर के पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं।

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