
मुंबई। महाराष्ट्र के कई जिलों में मॉनसून सीजन के दौरान कम बारिश हुई। जिसका असर अब दिखने लगा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस खरीफ सीजन में पहले चरण में 40 तालुकों में सूखा घोषित करने को मंजूरी दे दी है। तदनुसार, सूखे की स्थिति में आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र से तत्काल अनुरोध किया जाएगा।
महाराष्ट्र के 40 तालुकाओं में सूखा घोषित
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंगलवार शाम कैबिनेट की बैठक हुई। इसके बाद 40 तालुकाओं में सूखा घोषित करने का सरकारी अध्यादेश जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्देश दिया कि राज्य के बाकि तालुकाओं के जिन मंडलों में कम बारिश हुई है, उनके संबंध में आवश्यक मापदण्ड निर्धारित कर वहां सूखे जैसी स्थिति घोषित की जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि राहत और पुनर्वास मंत्री की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप-समिति इन मंडलों को उचित रियायतें प्रदान करने के लिए जल्द से जल्द निर्णय ले। इसके अनुसार दूसरे चरण में निर्णय लिया जाएगा।
रबी की बुआई असर
कैबिनेट बैठक में राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा फसल-जल की स्थिति की समीक्षा में सूखा घोषित किये जाने की परिस्थिति की जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस साल कुल बारिश औसत से 13.4 फीसदी कम हुई है। जिस वजह से राज्य में रबी की बुआई भी धीमी गति से चल रही है। कृषि विभाग ने बताया कि अब तक 12 फीसदी बुआई हो चुकी है।
राज्य में कहां कितनी बारिश हुई?
महाराष्ट्र में आधिकारिक तौर पर मॉनसून 1 जून से शुरू होता है और आम तौर पर 30 सितंबर तक रहता है। इस साल महाराष्ट्र के कम से कम 9 जिलों में औसत से काफी कम बारिश हुई है। हालांकि कोंकण-गोवा बेल्ट में औसत से करीब 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। मध्य महाराष्ट्र में औसत वर्षा की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है, मराठवाडा में 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। जबकि विदर्भ में औसत बारिश से 2 फीसदी कम बारिश हुई है।