Thursday, December 26, 2024
Google search engine
HomeFashionGanesh Chaturthi2023:- गणेश चतुर्थी पर शुभ योग में हो रहा है बप्पा...

Ganesh Chaturthi2023:- गणेश चतुर्थी पर शुभ योग में हो रहा है बप्पा का आगमन, जानें मुहूर्त और महत्व

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है। इसी दिन से 10 दिन तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रही है। इस दिन लोग गणपति बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी ही धूमधाम से घर में लाते हैं। पूरे गणेश उत्सव के दिनों में चारों ओर बप्पा के नाम का उद्घोष सुनाई पड़ता है। भगवान गणपति बुद्धि और शुभता के देवता हैं। कहा जाता है कि जहां पर बप्पा विराजते हैं वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है। इस साल गणपति बप्पा का आगमन बेहद शुभ योग में हो रहा है।
ऐसे में आइए जानते हैं इस शुभ योग के बारे में…
पंचांग के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा का आगमन रवि योग में हो रहा है। 19 सितंबर 2023, मंगलवार को रवि योग सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक है। पूजा-पाठ के लिए रवि योग को शुभ माना जाता है। इसके अलावा 19 सितंबर को ही सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक वृश्चिक रहेगा। इस सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में आप गणपति बप्पा को अपने घर लाकर विराजमान करें और विधि-विधान से पूजा करें।
गणेश चतुर्थी 2023 पर भद्रा का साया
इस बार गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया है। इस दिन सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। हालांकि इस भद्रा का वास पाताल लोक में होगा, इसलिए इसका दुष्प्रभाव पृथ्वी लोक पर मान्य नहीं होगा।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि

  • गणेश चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर सबसे पहले अपने घर के उत्तर भाग, पूर्व भाग, अथवा पूर्वोत्तर भाग में गणेश जी की प्रतिमा रखें।
  • पूजन सामग्री लेकर शुद्ध आसन पर बैठें।
  • सर्वप्रथम गणेश जी को चौकी पर विराजमान करें और नवग्रह, षोडश मातृका आदि बनाएं।
  • चौकी के पूर्व भाग में कलश रखें और दक्षिण पूर्व में दीया जलाएं।
  • अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः कहते हुए भगवान गणेश को प्रणाम करें और तीन बार आचमन करें तथा माथे पर तिलक लगाएं।
  • हाथ में गंध अक्षत और पुष्प लें और दिए गए मंत्र को पढ़कर गणेश जी का ध्यान करें।
  • पूजा के आरंभ से लेकर अंत तक अपने जिह्वा पर हमेशा ॐ श्रीगणेशाय नमः। ॐ गं गणपतये नमः। मंत्र का जाप अनवरत करते रहें।
  • इसी मंत्र से उन्हें आवाहन और आसन भी प्रदान करें।
  • आसन के बाद गणेश जी को स्नान कराएं। पंचामृत हो तो और भी अच्छा रहेगा और नहीं हो तो शुद्ध जल से स्नान कराएं।
  • उसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि जो भी संभव यथाशक्ति उपलब्ध हो उसे चढ़ाएं।
  • आखिर में गणेश जी की आरती करें और मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments