मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को विधानसभा में महात्मा गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर हिंदुत्व नेता संभाजी भिडे की गिरफ्तारी की मांग की। चव्हाण ने कहा कि अमरावती में संभाजी भिडे नामक व्यक्ति ने राष्ट्रपिता के खिलाफ बेशर्मी और अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे समाज में नफरत फैलेगी। उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। राष्ट्रपिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद वह कैसे खुला घूम सकता है? विधानसभा में हंगामे के बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर ने पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा उठाए गए मुद्दे पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसपर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। बता दें कि, महाराष्ट्र के अमरावती में एक कार्यक्रम के दौरान संभाजी भिड़े ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, मगर करमचंद गांधी महात्मा गांधी के पिता नहीं थे। आगे भिड़े ने कहा कि, ‘मोहनदास एक मुस्लिम जमींदार थे। संभाजी भिडे ने यह भी दावा किया कि इस तथ्य का समर्थन करने के लिए मजबूत सबूत हैं कि मोहनदास का पालन-पोषण और शिक्षा मुस्लिम माता-पिता ने की थी। बता दें कि, 23 जुलाई को, महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भिड़े द्वारा संबोधित एक बैठक स्थल पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए विभिन्न संगठनों के 30 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और बाद में रविवार को रिहा कर दिया गया। श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक भिड़े अपने समर्थकों को संबोधित करने के लिए दिन में वरोरा तहसील में थे। पुलिस ने कहा कि उलगुलान संगठन, वंचित बहुजन अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने भिडे के खिलाफ नारे लगाए और उन पर अपनी “विवादास्पद” टिप्पणियों के माध्यम से राज्य और देश को बदनाम करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में लगभग 40 लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए भिड़े ने अपने समर्थकों से भगवा ध्वज को तिरंगे के समान सम्मान देने को कहा और घोषणा की कि 15 अगस्त को राज्य के 38,000 गांवों में ‘भगवा झंडा’ (भगवा ध्वज) यात्रा आयोजित की जाएगी।