अभी भी 100 से अधिक लोग लापता, इरशालवाड़ी गांव वालों का पुनर्वासन किया जायेगा
मुंबई:(Mumbai) रायगढ़ जिले के खालापुर में स्थित इरशालवाड़ी गांव में पहाड़ी धंसकने की घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है। मलबे से अब तक 98 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और अभी भी 100 से अधिक लापता हैं। एनडीआरएफ की टीम लापता लोगों की बहुत ही सावधानी से तलाश कर रही है।
मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इरशालवाड़ी गांव में पत्रकारों को बताया कि इरशालवाड़ी गांव के लोगों को सुरक्षित स्थल पर पुनर्वासन किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि इस घटना में सभी पीड़ितों को हर तरह की मदद की जा रही है। सीएम शिंदे आज सुबह डेढ़ घंटे तक पैदल चलकर घटनास्थल पर पहुंचे हैं। मौके पर मदद और राहत कार्य जारी है।
इस घटना में अब तक रमेश हरि भावर (26 वर्ष), जयश्री रमेश भवर (22 वर्ष), रूद्र रमेश भवर (1 वर्ष), विनोद भगवान भावर (4 वर्ष) जीजा भगवान भावर, (36 वर्ष) और नवी मुंबई फायर ब्रिगेड के जवान शिवराम यशवंत धुमाने के शवों की पहचान कर ली गई है। अन्य मृतकों के शवों की पहचान का काम जारी है। घटना में घायल प्रवीण पांडुरंग पारधी (21 साल), यशवंत राघो डोरे (37 वर्ष), भगवान हरि भावर (25 वर्ष) और मनीष यशवन्त डोरे (35 वर्ष) की पहचान हुई है।
इरशालवाड़ी गांव में बुधवार को रात में तकरीबन 11 बजे पहाड़ी का हिस्सा धसककर आदिवासी गांव के घरों पर गिर गया था। इससे गांव के 28 घर पूरी तरह मलबे में दब गए थे। पुलिस और जिलाधिकारी कार्यालय के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन रात होने की वजह से मदद कार्य नहीं हो पा रहा था। आज सुबह से ही एनडीआरएफ के जवान और सिडकोकर्मियों ने मदद व राहत कार्य शुरू किया। इस घटना पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार नजर रखे हुए हैं।