
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोले- नासिक के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव को विश्व स्तर पर पहुँचाने का लक्ष्य
नासिक। केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता’ योजना के तहत 99 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत से नासिक के रामकुंड और आसपास के क्षेत्रों में विकसित की जा रही ‘रामकाल पथ परियोजना’ का गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिलान्यास किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे, खेल मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे, विधायक राहुल ढिकले, दिलीप बनकर, देवयानी फरांडे, सीमा हिरे, और अनेक गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे। रामकुंड क्षेत्र में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस ने संकल्पना चित्रों और परियोजना के प्रतिकृत मॉडल का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ‘रामकाल पथ परियोजना’ के माध्यम से रामकुंड मार्ग और आस-पास की संरचनाओं का जीर्णोद्धार, अग्रभागों का संरक्षण और पर्यटकों के लिए आधुनिक बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना नासिक के रामकुंड, सीता गुफा, कालाराम मंदिर, राम-लक्ष्मण गुफा और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को नई पहचान दिलाएगी। उन्होंने कहा, रामकाल पथ केवल विकास परियोजना नहीं, बल्कि यह नासिक के सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक इस पवित्र भूमि की महानता से रूबरू होंगे।
सिंहस्थ कुंभ 2027 को ध्यान में रखकर शुरू हुआ विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले को देखते हुए सरकार नासिक में व्यापक विकास कार्य कर रही है। इस दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से यह परियोजना नासिक की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठा को और ऊँचाई देगी। परियोजना का लक्ष्य आने वाले वर्षों में नासिक को देश और दुनिया के प्रमुख धार्मिक-पर्यटन स्थलों में शामिल करना है। ‘रामकाल पथ’ विकसित होने के बाद गोडा तट पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सौंदर्यपूर्ण वातावरण में दर्शन का अवसर मिलेगा। यह परियोजना न केवल पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। शिलान्यास समारोह के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कालाराम मंदिर जाकर भगवान राम के दर्शन किए। इस अवसर पर मंदिर न्यास के सदस्यों ने दोनों नेताओं का पारंपरिक स्वागत और अभिनंदन किया। नासिक के सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव को वैश्विक पहचान देने की दिशा में ‘रामकाल पथ’ परियोजना अब एक प्रेरणादायक अध्याय के रूप में देखी जा रही है- जहाँ परंपरा और आधुनिकता एक साथ आगे बढ़ रही हैं।




