मुंबई। स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की ५३वीं बैठक संपन्न हो चुकी है। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में मंत्रियों व अधिकारियों का समूह भी शामिल हुआ, जो आज मुंबई लौट आया है। दो दिवसीय डब्ल्यूईएफ कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र को १.३७ लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले है ही। जिससे राज्य में बड़ी संख्या में युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रोजगार निर्माण होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्योग मंत्री उदय सामंत की उपस्थिति में दावोस में १.३७ लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को मुंबई लौटने पर इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने दावा किया कि इस निवेश से राज्य में एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह एमओयू उच्च प्रौद्योगिकी वाली इन्फ्रास्ट्रक्चर, अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, इस्पात निर्माण और कृषि खाद्यान प्रोसेसिंग के क्षेत्रों में किए गए हैं। उन्होंने सभी निवेशकों से ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ में निवेश करने की अपील की है। उन्होंने बताया कुल १.३७ लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह संतोषजनक और बड़ी उपलब्धि है। हमारी सरकार आम आदमी की सरकार है। एकल खिड़की भुगतान, पूंजी सब्सिडी, जीएसटी सब्सिडी से राज्य में भारी निवेश आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ५४,२७६ करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। इससे ४,३०० लोगों को रोजगार मिलेगा। सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ३२,४१४ करोड़ रुपये के समझौते हुए हैं, जिनसे ८,७०० लोगों को नौकरी मिलेगी, वहीं नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों में ४६,००० करोड़ रुपये के समझौते हुए हैं, जिनसे ४,५०० लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा इस्पात निर्माण क्षेत्र में २,२०० करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे ३,००० लोगों को नौकरी मिलेगी और १,९०० करोड़ रुपये का समझौता कृषि एवं खाद्य प्रोसेसिंग क्षेत्र में हुआ है, जिससे ६०० लोगों को रोजगार मिलेगी