Tuesday, October 14, 2025
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महिला एवं बाल अधिकार समिति ने भायखला जेल और सुधारगृहों का किया निरीक्षण

संकटग्रस्त महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु समिति करेगी अधिकतम सहयोग : मोनिका राजले

मुंबई। महिला एवं बाल अधिकार एवं कल्याण समिति संकटग्रस्त और जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। समिति की प्रमुख और विधायक मोनिका राजले ने गुरुवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और पुनर्वास के लिए आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं तथा सरकार को और प्रभावी तथा दीर्घकालिक उपायों के लिए ठोस सिफारिशें भेजी जाएंगी।
समिति ने गुरुवार को भायखला महिला जेल, शताब्दी अस्पताल (गोवंडी), बाल सुधारगृह और महिला सुधारगृह (मानखुर्द) तथा शाहजी प्रसूति अस्पताल (मानखुर्द) का दौरा किया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग और नगरीय विकास विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर विधायक मोनिका राजले, सीमा हिरय, एडवोकेट श्रीजया चव्हाण, रंजना जाधव, सरोज अहिरे, सना मलिक, महेश सावंत, डॉ. ज्योति गायकवाड़, चित्रा वाघ, डॉ. प्रज्ञा सातव, सुनील शिंदे, डॉ. मनीषा कायंदे, मुंबई शहर महिला एवं बाल विकास अधिकारी शोभा शेलार, उपनगर अधिकारी संजय धनगर, उपायुक्त सुवर्णा पवार, ठाणे जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी नमिता शिंदे, प्रेमा घाटगे सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
समिति सदस्यों ने महिला जेल में कैदियों से बातचीत की और उनके स्वास्थ्य, आहार, जल आपूर्ति, पुस्तकालय, कौशल प्रशिक्षण और बच्चों की आंगनवाड़ी सुविधाओं की समीक्षा की। समिति ने आश्वासन दिया कि महिला कैदियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, समिति ने शताब्दी अस्पताल और शाहजी अस्पताल में महिलाओं और बच्चों को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया और संतोष व्यक्त किया। समिति ने मातृ वंदना योजना, लक्ष्य योजना, दवा भंडार, सफाई व्यवस्था, सुरक्षा उपाय और सीसीटीवी प्रणाली की भी समीक्षा की। मानखुर्द के बाल सुधारगृह और महिला सुधारगृह में समिति ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, परामर्श और पुनर्वास गतिविधियों की जानकारी ली और वहाँ की व्यवस्थाओं को सराहा। समिति प्रमुख मोनिका राजले ने कहा- महिलाओं और बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ, आधुनिक उपकरण और सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ठोस सुझाव दिए जाएँगे। समिति संकटग्रस्त और जरूरतमंद महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग प्रदान करेगी। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी शोभा शेलार ने महिलाओं और बच्चों की गतिविधियों, सामाजिक संगठनों के सहयोग से दी जा रही परामर्श और कानूनी सहायता की जानकारी दी। सुवर्णा पवार ने बताया कि सुधारगृह में महिलाओं को जो कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उससे अर्जित धनराशि रिहाई के बाद उन्हें प्रदान की जाती है, जिससे उनके पुनर्वास में सहायता मिलती है। कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं, आईसीयू, सोनोग्राफी और ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’ योजना की जानकारी दी। इस दौरान विशेष पुलिस महानिरीक्षक योगेश देसाई, अधीक्षक विकास राजनलवार, जेलर अमृता यशवंते, संतोषी कोलेकर, पूर्णिमा सोनवणे, कल्पना खंबैत, मीरा गुडिले, अधीक्षक निशिगंधा भवाल, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संतोष गायकवाड़, डॉ. वैशाली चंदनशिवे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। समिति ने अपने दौरे के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के कल्याण से संबंधित योजनाओं की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आने वाले दिनों में इनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार को ठोस सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे।

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