
सिंधुदुर्ग। किसानों की समृद्धि, प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को करंजे–साटमवाडी (ता. कणकवली) में ‘गोवर्धन गौशाला कोंकण’ परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना 70 एकड़ भूमि पर स्वर्गीय तातू सीताराम राणे ट्रस्ट द्वारा विकसित की गई है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद नारायण राणे, मत्स्य व्यवसाय व बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे, विधायक दीपक केसरकर, विधायक रविंद्र चव्हाण, विधायक निलेश राणे, जिलाधिकारी अनिल पाटिल, सिंधुदुर्ग शिक्षण प्रसारक मंडल की अध्यक्ष नीलमताई राणे, रविंद्र पाठक, प्रमोद जठार सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक गौमाता का संरक्षण नहीं किया जाएगा, तब तक प्राकृतिक खेती को गति नहीं मिलेगी। “देशभर की गौशालाओं में से यह एक उत्तम गौशाला है। यह सिर्फ गायों का संरक्षण केंद्र नहीं, बल्कि एक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्रांति की आधारशिला है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, दुग्ध व्यवसाय, कृषि पर्यटन तथा अन्य गौ-उत्पादों के जरिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री शिंदे का वक्तव्य
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस परियोजना को गौसंवर्धन का मॉडल बताते हुए कहा, “कोंकण में दुग्ध क्रांति की नींव रखी जा रही है। यहां एकत्र किया गया दूध बाजार में पहुंचाया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिलेगा।” उन्होंने कहा कि यह परियोजना किसानों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देगी।
सांसद नारायण राणे की प्रस्तावना
सांसद नारायण राणे ने कहा कि गायों की विभिन्न नस्लों और उनके दूध, गोबर, मूत्र आदि से प्राकृतिक और लाभकारी उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और जिले से अच्छे अधिकारी उत्पन्न करना है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस का शॉल, श्रीफल और गौमूर्ति से स्वागत किया गया। विधायक निलेश राणे ने सभी अतिथियों का स्वागत भाषण दिया, जबकि आभार प्रदर्शन मंत्री नितेश राणे ने किया। मुख्यमंत्री ने गौशाला की स्थापना में योगदान देने वाले प्रमुख सहयोगियों का सम्मान भी किया।