
मुंबई। चंद्रपुर शहर में पर्यटन विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रस्तावित वन्यजीव बचाव केंद्र और बाघ सफारी परियोजना को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाईक ने सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिया। बैठक में चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवर के अनुरोध पर यह परियोजना प्राथमिकता में लाई गई, जिसमें वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शोमिता बिस्वास, प्रधान वन संरक्षक नरेश जिरमुरे, वन विकास निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रशेखरन बाला, उप सचिव विवेक होशिंग और उदय ढगे समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री नाईक ने कहा कि चंद्रपुर में बड़ी मात्रा में वन संपदा और बाघों की महत्वपूर्ण आबादी है, जिसे देखते हुए इस क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बचाव केंद्र और बाघ सफारी न केवल पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। इसके साथ ही, मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह परियोजना अगले तीन से साढ़े तीन वर्षों के भीतर पूरी की जाए और सफारी क्षेत्र में बांस के पेड़ लगाए जाएं ताकि उसे प्राकृतिक परिवेश से जोड़ा जा सके। विधायक किशोर जोरगेवर ने बैठक में परियोजना के लिए वित्तीय सहायता की मांग करते हुए आग्रह किया कि जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए। इस परियोजना की निधि वन विभाग, जिला लघु खनिज निधि तथा सामाजिक उत्तरदायित्व निधि (CSR) से जुटाने का निर्णय लिया गया है। चंद्रपुर की यह परियोजना, यदि तय समय में पूरी होती है, तो यह महाराष्ट्र के वन्यजीव पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकती है और स्थानीय विकास में भी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।