मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का असली बॉस कौन। यह लड़ाई फिलहाल चुनाव आयोग के समक्ष है। शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष शरद पवार गुट ने अपना पक्ष रखा है। जानकारी के मुताबिक अजित पवार गुट अब सोमवार को अपना पक्ष रखेगा। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं अब सोमवार को इस मामले को लेकर अगले सुनवाई होगी। इस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष शरद पवार खुद पहुंचे थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि अजित पवार का दवा काल्पनिक है। आपको बता दें की एनसीपी फिलहाल दो गुटों में बटी हुई है। अजित पवार गुट महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे सरकार में शामिल है। खुद अजित पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। उनके समर्थक के विधायक को में से कुछ को मंत्री भी बनाया गया है। असली’ एनसीपी तय करने पर चुनाव आयोग की सुनवाई के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शरद पवार जी हमारे साथ खड़े हैं…चुनाव आयोग के समक्ष मुख्य रूप से 2-3 बातें हुई हैं… हमने कहा कि पहले प्राथमिक रूप से हमें सुनें और फिर निर्णय करें कि कोई विवाद है या नहीं…उनकी दलीलों पर सुनवाई अब सोमवार को होगी। सिंघवी ने अजित पवार गुट पर गलत और फर्जी दस्तावेज देने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग के समक्ष पेश होने से पहले शरद पवार मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। खड़गे के आवास पर तीनों नेताओं की बैठक हुई। इसमें राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य गुरदीप सप्पल भी मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक की तस्वीर साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘देश की जनता की आवाज़ और बुलंद करने के लिये आज राहुल गांधी के साथ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की भेंट हुई। हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया। पवार ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। बैठक में सांसद राहुल गांधी, राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य गुरदीप सप्पल भी मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन की आगे की रणनीति एवं रूपरेखा और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब इस महीने भोपाल में होने वाली विपक्ष की जनसभा रद्द हो गई और अभी यह तय नहीं है कि ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक या सभा कहां होगी। अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने गठबंधन कर एक समूह ‘इंडिया’ बनाया है।