
बीएमसी आर/दक्षिण विभाग और स्थानीय पुलिस इन गतिविधियों से थी अनजान?
मुंबई। मुंबई के कांदिवली (पूर्व) स्थित आज़ाद वाडी, लोकनाथ कंपाउंड में बुधवार शाम भीषण आग लग गई, जो झोपड़पट्टी में बने कई घरों तक फैल गई।बताया जा रहा है कि आग झोपड़पट्टी में गैर कानूनी ढंग से केमिकल और जींस बनाने वाली तमाम कंपनियां खुल जाने से शॉर्ट सर्किट से लगी आग भयानक रूप से फैल गई। फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियां आग पर काबू नहीं पा सकी हैं। केमिकल फैक्ट्री और जींस बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग में कितने लोग मारे गए ज्ञात नहीं हो सका है। तमाम झोपड़े में रहने वालों को बाहर निकलकर दूर हटा दिया है। संकरी गलियों के कारण राहत कार्य में बाधा आई। आग से हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने के साथ-साथ विस्फोटक गैस सिलेंडरों को भी हटाने का प्रयास किया। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाते हुए इलाके को घेर लिया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित केमिकल और गारमेंट फैक्ट्रियों की वजह से बार-बार आग की घटनाएं हो रही हैं। इससे पहले भी दामू नगर, आज़ाद वाडी और गौतम बुद्ध नगर झोपड़पट्टी में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। इस घटना के बाद बीएमसी आर/दक्षिण विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। झोपड़पट्टी में चल रही इन खतरनाक फैक्ट्रियों को किसकी अनुमति से चलाया जा रहा था? इन्हें पानी और बिजली का कनेक्शन किसने दिया? क्या बीएमसी आर/दक्षिण विभाग और स्थानीय पुलिस इन गतिविधियों से अनजान थी, या फिर यह प्रशासनिक लापरवाही और मिलीभगत का मामला है? स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि बीएमसी आर/दक्षिण विभाग और पुलिस संयुक्त अभियान चलाकर झोपड़पट्टी में चल रही अवैध फैक्ट्रियों पर कठोर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।