
मुंबई। गीता, बाइबल, कुरान और विकास के लिए विज़न डॉक्यूमेंट 2047 हमारे भविष्य के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, यह कहते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य की भावी नीतियाँ इसी दृष्टिकोण के अनुरूप बनाई जानी चाहिए। सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित महाराष्ट्र विज़न डॉक्यूमेंट 2047 की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव राजेश कुमार, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव उपस्थित थे। बैठक में जल, विद्युत, शिक्षा, समाज कल्याण, उद्योग एवं सेवा, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। प्रस्तुति पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह दस्तावेज़ केवल कागजी योजना न रहे, बल्कि वास्तविकता में लागू हो, इसके लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, दृष्टि ही दिशा है, इसलिए हमारे लक्ष्य और उनकी दिशा निश्चित होनी चाहिए। यदि हम अगले पाँच वर्षों तक इस दृष्टिकोण पर निरंतर कार्य करते रहें, तो 2047 में विकसित महाराष्ट्र का सपना अवश्य साकार होगा। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सहकारिता क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग, भारत नेट रिंग के विकास, और साइबर सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार को भी महत्वपूर्ण बताया। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि यह विज़न डॉक्यूमेंट राज्य के भविष्य की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है और समाज के अंतिम तबके तक विकास पहुँचाने का खाका तैयार करता है। उन्होंने कहा, बड़े सपने देखने पर ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है। सरकार और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि इस दृष्टिकोण को धरातल पर उतारा जाए। बैठक में यह तय किया गया कि ‘विकसित महाराष्ट्र विज़न 2047’ को केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे लागू कर राज्य की आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक प्रगति को गति दी जाएगी। इस अवसर पर जल संसाधन, ऊर्जा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक न्याय, उद्योग, सेवाएँ, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य और पर्यटन जैसे विषयों पर विज़न प्रस्तुत किए गए।