
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को एक वीडियो बयान जारी कर प्रस्तावित वीबी-जी राम जी विधेयक को लेकर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) की जगह लाने का प्रयास माना जा रहा है, जिस पर कांग्रेस सहित विपक्ष ने गंभीर आपत्ति जताई है। अपने संदेश में सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 11 वर्षों में ग्रामीण गरीबों के हितों की लगातार अनदेखी की है और एमजीएनआरईजीए को कमजोर करने के हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान एमजीएनआरईजीए करोड़ों गरीब परिवारों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ था, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना किसी व्यापक चर्चा और परामर्श के एमजीएनआरईजीए में मनमाने बदलाव किए हैं और अब वीबी-जी राम जी विधेयक के जरिए इसे समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। उनके अनुसार, प्रस्तावित बदलाव ग्रामीण रोजगार योजनाओं पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका को सीधे तौर पर खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा, “इस कानून को कमजोर करके मोदी सरकार ने करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण गरीबों के हितों पर हमला किया है।” सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि हाल ही में सरकार ने एमजीएनआरईजीए पर “बुलडोजर चला दिया है”, जिससे ग्रामीण कल्याण की बुनियाद को नुकसान पहुंचा है। कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि एमजीएनआरईजीए को लाने और देशभर में लागू करने में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है और यह योजना देश और जनता के व्यापक हित से जुड़ी हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियां रोजगार की गारंटी और ग्रामीण सामाजिक सुरक्षा को कमजोर कर रही हैं।
सोनिया गांधी की ये टिप्पणियां वीबी-जी राम जी विधेयक को लेकर बढ़ते राजनीतिक विरोध के बीच आई हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह विधेयक रोजगार की गारंटी को कमजोर करेगा और एमजीएनआरईजीए के तहत मिलने वाली ग्रामीण कल्याण सुरक्षा पर गंभीर असर डालेगा। पार्टी ने संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी।




